जानिए रेखाओं पर चतुष्‍कोण और जीवन में असर


शनि पर्वत का अशुभ स्थिति में होना अच्‍छा संकेत नहीं है। इस स्‍थिति में कुछ कार्यों से स्वयं का अहित हो सकता है। शनि पर्वत मध्यमा उंगली के नीचे होता है। शनि पर्वत पर चतुष्कोण होने से व्‍यक्‍ति बुरी संगत से दूर रहता है। ऐसे चतुष्कोण से व्यक्ति समाज के कल्याण के लिए कार्य करने लगता है।
मस्तिष्क रेखा अधिक लंबी हो तो मानसिक रूप से असंतोष उत्पन्न हो सकता है। यह स्थिति निराशा भी बढ़ा सकती है। यदि इस रेखा पर चतुष्कोण बन जाए तो व्यक्ति निराशा से बाहर आ जाता है। साथ ही मानसिक रूप से संतुष्टि भी मिलती है।
-हृदय रेखा पर चतुष्कोण होने से व्यक्ति में मनोबल अधिक होता है। हृदय रेखा की अशुभ स्थिति से हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं। अशुभ हृदय रेखा पर चतुष्‍कोण हो तो रोगों से बचाव होता है।
-हथेली में शुक्र पर्वत पर चतुष्कोण शुभ परिणाम नहीं देता है। शुक्र पर्वत पर चतुष्कोण के होने से किसी भी प्रकार की सजा या जुर्माना भरने की संभावनाएं बन सकती
-यदि किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य रेखा से निकलकर कोई शाखा गुरु पर्वत की ओर जाती है तो व्यक्ति शासकीय अधिकारी बनता है।
-यदि हथेली में शुक्र पर्वत शुभ हो, विस्तृत हो और इस पर कोई अशुभ लक्षण ना हो तो व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
-बुध पर्वत पर एक छोटा सा त्रिभुज हो तो व्यक्ति प्रशासनिक विभाग में उच्च पद प्राप्त कर सकता है।
-स्वास्थ्य रेखा की लंबाई मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा तक ही सीमित हो तो यह शुभ संकेत है। ऐसी स्वास्थ्य रेखा वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
-यदि नाखून एकदम साफ और स्वच्छ दिखाई दें तो यह शुभ लक्षण है। नाखूनों पर कोई दाग-धब्बा, कालापन न हो तो शुभ रहता है।
-अंगूठा मजबूत, लंबा, सुंदर हो तथा मस्तिष्क रेखा भी शुभ हो तो व्यक्ति नौकरी से लाभ प्राप्त करता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)