घर में क्वारंटाइन व्यक्ति से संक्रमण का खतरा तीन गुना ज्यादा


घर के अंदर कोरोना का संक्रमण सबसे घातक होता है, क्योंकि होम क्वारंटाइन कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से परिजनों को संक्रमण का खतरा दो से तीन गुना ज्यादा होता है। बिना लक्षणों वाले मरीजों को लेकर भी पूरी सतर्कता जरूरी है।चीन और अमेरिकी शोधकर्ताओं का यह अध्ययन संक्रमण के नए मामलों को बढ़ने से रोकने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। 


शोधकर्ताओं ने चीन के गुआंग्झू शहर में 350 कोविड मरीजों और उनके करीब दो हजार नजदीकी लोगों में संक्रमण के प्रसार की पड़ताल की। इसमें पाया गया कि एक कोरोना पॉजिटिव से बाहरी लोगों के संक्रमित होने की दर महज 2.4 फीसदी थी, जबकि घर में साथ रहने वालों में यह खतरा करीब सात गुना बढ़कर 17.1 फीसदी पहुंच गया। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि घर में भी पॉजिटिव मरीज से बूढ़ों को संक्रमण सबसे ज्यादा हुआ। 


जबकि 20 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सबसे कम। बूढ़ों के डायबिटीज, हृदय रोग या अन्य बीमारियों से ग्रसित होने के कारण रोग गंभीर होने या मृत्यु का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। गुआंग्झू सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के शोधकर्ता किन लांग जिंग के मुताबिक, जिन देशों ने संदिग्ध मरीजों को प्रारंभ में ही आइसोलेट करने का निर्णय लिया, वहां संक्रमण को काबू करने में कामयाबी मिली। येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर में प्रकाशित लेख में वर्जीनिया पिट्जर ने कहा कि शुरुआती दौर में कोरोना तेजी से पैर पसारता है और पहचान में देरी से दुनिया में संक्रमण चरम पर है। 


सार्स या मर्स से दो-तीन गुना ज्यादा प्रसार-
शोधकर्ताओं ने पाया कि परिवार के किसी सदस्य को मरीज से संक्रमण होने का खतरा सार्स वायरस की तुलना में दोगुना और मर्स के मुकाबले तीन गुना तक होता है। 


बिना लक्षण वालों से ज्यादा सतर्कता जरूरी- 
अगर कोविड-19 के किसी मरीज को लक्षण नहीं हैं तो उससे परिजनों या साथ रहने वाले को संक्रमण का खतरा लक्षण वाले मरीज की तुलना में 39 फीसदी ज्यादा होता है। यानी वायरस शुरुआती दौर में आसानी से उन लोगों को भी चपेट में ले लेता है, जिन्हें यह जानकारी नहीं होती कि वे संक्रमित के साथ रह रहे हैं। 


ये सावधानी बरतें-
-होम क्वारंटाइन में संदिग्ध मरीज के लिए वेंटीलेटर युक्त अलग कमरा
-अलग बाथरूम हो, एक ही बाथरूम हो तो रोज सेनेटाइज होना जरूरी
-संदिग्ध या मरीज को किसी और से मिलने की इजाजत न दी जाए
-मरीज के बिस्तर, बर्तन और कपड़े में भी अलग रखे जाने चाहिए
-मरीज की हालत गंभीर हो तो क्वारंटाइन कीजगह अस्पताल ले जाएं
-बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं या गंभीर रोगों के मरीजों से दूर रखें
(डब्ल्यूएचओ, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय)