घर में कैद रहने से ज्यादा असरकारी मास्क पहनना


कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर में कैद रहने से ज्यादा असरकारी मुंह पर मास्क लगाना है। टेक्सास विश्वविद्यालय समेत चार अमेरिकी संस्थानों के संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आयी है।  कोरोना के दो प्रमुख केंद्र रहे वुहान व न्यूयॉर्क सिटी में किए अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि यहां संक्रमण रोकने की तरकीबें तब सफल हुईं जब फेसमाक्स लगाने को अनिवार्य कर दिया गया।  यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
  
अध्ययन में पाया कि संक्रमण रोकने की सभी रणनीतियों में फेसमास्क ऐसा केंद्रीय कारक है जो किसी क्षेत्र में वायरस के प्रसार को तय करता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि महामारी बढ़ने या घटने के रुझान इस बात पर निर्भर हैं कि किसी क्षेत्र में मास्क लगाना अनिवार्य है अथवा नहीं। रिसर्च में टेक्सास विश्वविद्यालय के अलावा, कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय एंव ए एंड एम यूनिवर्सिटी के शोधार्थी शामिल थे।


ऐसे किया अध्ययन - वैज्ञानिकों ने न्यूयॉर्क सिटी और वुहान में 23 जनवरी से 9 मई तक संक्रमण कम करने के लिए उठाए गए उपायों का विश्लेषण किया। साथ ही उन्होंने नए मामलों में दर्ज हुई कमी को देखा। फिर हर उपाय को अनिवार्य किए जाने के बाद आए बदलाव को मापा।


न्यूयॉर्क में मास्क अनिवार्य हुआ तो संक्रमण घटा-
वैज्ञानिकों ने पाया कि न्यूयॉर्क सिटी में घर पर रहने व सामाजिक दूरी का नियम लागू होने से लाभ नहीं हुआ। मामलों में कमी आनी तब शुरू हुई जब प्रशासन ने फेसमास्क लगाने को अनिवार्य बता दिया। पूरे अमेरिका में फेसमास्क को कभी अनिवार्य नहीं बनाया गया, ऐसे में न्यूयाॉर्क सिटी के नियम बदलने से मामलों में आयी कमी महत्वपूर्ण संकेत है।


वुहान में चेहरा ढंकना और सामाजिक दूरी साथ लागू हुए-
कोरोना के पहले केंद्र चीन के वुहान में संक्रमण का असर धीमा पड़ना तब शुरू हुआ, जब वहां सामाजिक दूरी, लॉकडाउन और मास्क लगाने के बचाव नियमों को एकसाथ लागू किया गया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि पश्चिमी दुनिया में महामारी की रोकथाम के कदम धीरे-धीरे उठाए गए जबकि इनका एकसाथ लागू होना प्रभावी होता है।  


इसलिए प्रभावी है फेसमास्क-
शोध की प्रमुख लेखक रेनी झांग ने बताया कि कोविड-19 वायरस के इंसानी शरीर में प्रवेश करने का सबसे प्रमुख मार्ग श्वसन तंत्र है इसलिए नाक और मुंह ढकने के लिए मास्क लगाना जरूरी है। इससे संक्रमित बूंदें स्वस्थ व्यक्ति तक नहीं पहुंचतीं। साथ ही स्वस्थ व्यक्ति के मास्क लगाने से वह वातावरण में मौजूद संक्रमित वायुमंडलीय कणों से भी सुरक्षित रह सकता है। ये कण वातावरण में कई फीट ऊंचाई तक दस मिनट की अवधि तक मौजूद रहते हैं जो किसी को संक्रमित कर सकते हैं।