ईडी ने चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट


नई दिल्‍ली । ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने आइएनएक्स मीडिया मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने एक पासवर्ड प्रोटेक्‍टेड ई-चार्जशीट चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती के खिलाफ विशेष जज अजय कुमार की दिल्‍ली स्थित विशेष अदालत में दाखिल किया। मामले की सुनवाई कर रहे न्‍यायाधीश ने आदेश दिया कि अदालत का कामकाज जब सामान्‍य हो जाए तो एजेंसी आरोप पत्र की हार्डकॉपी भी जमा करा दे। 


आरोप पत्र में चिदंबरम के अलावा कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट एसएस भास्कर रमन एवं अन्य के भी नाम हैं। मालूम हो कि आइएनएक्‍स मीडिया भ्रष्‍टाचार मामले में सीबीआइ ने पिछले साल 21 अगस्‍त को देश के पूर्व वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तार किया था। बाद में ईडी ने भी पिछले साल 16 अक्‍टूबर को इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में भी गिरफ्तार कर लिया था। इसके छह दिन बाद यानी 22 अक्‍टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ द्वारा दर्ज किए गए मामले में कांग्रेस नेता च‍िदंबरम को जमानत दे दी थी। 


सीबीआइ ने पिछले साल चिदंबरम की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि पूर्व वित्‍त मंत्री ने अपने फायदे के लिए पद का दुरुपयोग किया था। हालांकि पिछले ही साल चार दिसंबर को ईडी (Enforcement Directorate, ED) की ओर से दर्ज किए गए मामले में भी कांग्रेस नेता चिदंबरम को जमानत मिल गई थी। आरोप है कि साल 2007 में तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री चिदंबरम ने कथित रूप से आईएनएक्स मीडिया के लिए 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश दिलाने के लि‍ए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी देने में नियमों का पालन नहीं किया। सीबीआइ ने इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था।  


उल्‍लेखनीय है कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 जनवरी को उन्हें 20 करोड़ रुपये वापस देने की इजाजत दे दी थी। कार्ति ने विदेश यात्रा करने की अनुमति पाने की शर्त में अदालत की रजिस्ट्री में 20 करोड़ रुपये जमा कराए थे जिसकी एवज में उन्हें विदेश यात्रा करने की इजाजत मिली थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 के जनवरी महीने के लिए 10 करोड़ रुपये और मई महीने के लिए 10 करोड़ रुपये जमा किए थे। पैसे जमा कराने के बाद उन्हें विदेश जाने की अनुमति मिली थी।