दिल्ली हिंसा केस से जुड़ा तबलीगी जमात का नाम


नई दिल्ली। दिल्ली दंगा केस से अब तब्लीगी जमात का नाम भी जुड़ गया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा के दौरान मास्टरमाइंड फैजल फारूक तब्लीगी जमात के चीफ मौलाना साद का करीबी अब्दुल अलीम के संपर्क में था।


इस मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने बताया, ' पुलिस ने दंगों में भूमिका की जांच को लेकर फैजल फारूक के कॉल रिकॉर्ड खंगाला था, जिसमें पता चला कि फैजल पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया, पिंजरा टॉड समूह, जामिया समन्वय समिति और हजरत निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख सदस्यों के संपर्क में था।


आपको बता दें कि दयालपुर में राजधानी स्कूल का मालिक फैज़ल फारूक उन 18 लोगों में से था, जिन्हें क्राइम ब्रांच ने उनके स्कूल के आसपास दंगों के आरोप में गिरफ्तार किया था। दंगाइयों का पहला मकसद बगल में डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल को नुकसान पहुंचाना था।


जांच के दौरान पता चला कि फैजल फारूक ने राजधानी स्कूल और उसके आसपास के इलाकों में उपद्रव और आगजनी की साजिश रची थी। चार्जशीट के अनुसार, उसके निर्देश पर डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल को भीड़ ने नष्ट कर दिया। 


तब्लीगी जमात के अब्दुल अलीम के साथ फारूक के फोन पर हुई बातचीत मरकज के लिए और समस्या बढ़ा सकती है। आपको बता दें कि देश में कोरोनावायरस महामारी के शुरुआती दिनों में हजारों कोरोनो वायरस मामले सामने आने के बाद मार्कज सुर्खियों में रहा। मौलाना साद की पहले से ही महामारी रोग कानून के तहत मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए जांच की जा रही है, जबकि विदेशों से आए मरकज के कार्यकर्ताओं को वीजा मानदंडों और विदेश अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। मौलाना साद को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच का भी सामना करना पड़ता है।