दस दिन में संक्रमण का सैकड़ा, ग्रीन जोन वाले इलाके फिर से रेड जोन में


लखनऊ । जून में लखनऊ के अनलॉक होते ही कोरोना का कहर बढ़ गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुरुआती 10 दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्या सौ पार कर गई। इसका सबसे बड़ा कारण है कि संक्रमण की चेन तोड़ने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम रहा। इसके चलते ग्रीन जोन में आए इलाके फिर से रेड जोन में आ गए।


जून में गुरुवार तक हॉटस्पॉट इलाकों की संख्या 20 हो चुकी है। जबकि मई के आखिरी हफ्ते में सात हॉटस्पॉट बचे थे।  राजधानी में कोरोना मरीजों का आंकड़ा पहुंचकर करीब 507 (डब्ल्यूएचओ के अनुसार) पहुंच गया है। इसमें मार्च में कोरोना के नौ मरीज मिले थे। कोरोना का कहर बढ़ा तो अप्रैल में 205 संक्रमित मिले थे।
प्रवासी व विदेश से आने वाले यात्रियों का सिलसिला शुरू हुआ। गनीमत रही कि मई में 170 मरीज मिले। जून में 11 दिनों में ही 123 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अफसरों का कहना है कि जून में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कम्युनिटी चेकिंग कराई जा रही है।


अब तक कोरोना की वजह से आठ मौतें हो चुकी हैं। इसमें तीन माह में महज चार लोगों की जान गई थी, जबकि जून में ही चार मरीजों की जान कोरोना ले चुका है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मई-जून में अब तक एक हजार से अधिक प्रवासी लखनऊ आ चुके हैं। जांच में महज 35 प्रवासी ही पॉजिटिव निकले थे। बाकी मरीज स्थानीय पॉजिटिव आ रहे हैं।


सील करने का दायरा घटाया
मार्च से मई तक मरीज मिलने वाले स्पॉट से एक किमी. के दायरे को सील किया जा रहा था। नए आदेश के तहत 450 मीटर के दायरे को सील किया जा रहा है।


डरें नहीं, सतर्क रहें...
जरूरी न हो तो बाहर निकलने से परहेज करें। जाएं भी तो भीड़ वाले स्थान पर जानें से बचें। बाहर निकलना जरूरी हो तो मास्क लगाएं या रुमाल से चेहरे को ढकें। हाथों को सैनिटाइज करें। हाथ न मिलाएं। कोई भी बाहरी वस्तु छूने के बाद कम से कम 20 सेंकेंड तक साबुन से हाथ धोएं। किसी भी व्यक्ति से एक मीटर की अधिक की दूरी बनाकर ही बात करें।


अन्य माह की अपेक्षा जून में मरीजों की तादाद संग मौत का भी ग्राफ बढ़ा है। कंट्रोल करने के लिए कोशिश की जा रही है। मामले की जांच भी कराई जा रही है। - डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ