चंद्र ग्रहण कल, गर्भवती महिलाएं ध्यान रखें ये उपाय


साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कल 5 जून 2020 को पड़ेगा। इस बार के चंद्र ग्रहण को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कोई कह रहा है कि यह भारत में नहीं दिखेता तो कई कह रहा है कि इसमें सूतक नहीं होता। ऐसे में लोगों को कन्फ्यूजन है कि 5 जून को पड़ने वाले चंद्रग्रहण के असर को लेकर सावधानियां अपनाएं या नहीं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार का चंद्रग्रहण, एक छाया ग्रहण यानी आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जिसका खास असर देखने को नहीं मिलेगा। कुछ विद्वानों का यह भी मत है कि यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण नहीं ऐसे में सूतक मानने का कोई औचित्य नहीं है। कुछ लोग सूतक मानने की सलाह दे रहे हैं।


पंडित राजीश शास्त्री का कहना है कि ग्रहण में सूतक का पालन तो करना ही चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी वर्तनी चाहिए। खासकर ग्रहण के दौरान अपने पास किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, चाकू, असलाह आदि न रखें। ग्रहण के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय मंत्र जाप करें। ग्रहण के बाद स्नान दान करें। इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होगा। जानकारों के मुताबिक ग्रहण काल में गर्भ में पल रहे बच्चों को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिस विभिन्न उपाय अपनाने चाहिए।  गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं होगा। 


चंद्र ग्रहण 5 जून का समय-
5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण 5 जून की रात 11:15 बजे से शुरू होकर और 6 जून 2:34 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठ नक्षत्र में लग रहा है। पांच जून रात 12:54 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 15 मिनट की होगी। यह चंद्र ग्रहण भारत समेत यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में दिखाई देगा। 


ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं रखें ये सावधानियां -



  • - ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।

  • - ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।

  • - ग्रहणकाल में सहवास नहीं करना चाहिए।

  • - ग्रहणकाल में कैंसी, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें।

  • - ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।

  • - ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। हालांकि चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता।

  • - ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।


साल 2020 में ग्रहण (भारत में)


10 जनवरी - चंद्र ग्रहण
5 जून - चंद्र ग्रहण
21 जून - सूर्य ग्रहण
5 जुलाई - चंद्र ग्रहण
30 नवंबर -चंद्र ग्रहण
14 दिसंबर - सूर्यग्रह


इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।