धन हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। इसके बिना जीवनयापन संभव नहीं हो पाता। जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से लेकर छोटी-बड़ी सुख-सुविधाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए धन की जरुरत होती है। बहुत से लोग अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर हमेशा संघर्ष का सामना करते हैं और उनके जीवन में आर्थिक विकास नहीं हो पाता। ज्योतिषीय दृष्टि से व्यक्ति कुंडली का दूसरा, 11 वां भाव और विशेष रूप से शुक्र व्यक्ति के जीवन में धन या आर्थिक पक्ष को नियंत्रित करते हैं। जब कुंडली में शुक्र और धन भाव, धनेश बहुत पीड़ित या कमजोर हों तभी व्यक्ति का आर्थिक पक्ष संघर्षमय रहता है। जानिए कुछ उपाय जो दिला सकते हैं राहत।
-घर के पूजास्थल में श्रीयंत्र की स्थापना करें।
-प्रतिदिन श्रीसूक्त का पाठ करें।
-हर रोज एक से तीन माला ॐ शुम शुक्राय नमः का जाप करें
-प्रत्येक शुक्रवार को चावल की खीर गाय को खिलाएं।
-शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत करें।
-अपने घर के ईशान कोण और उत्तर दिशा को विशेष रूप से साफ स्वच्छ और हल्का रखें।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
-प्रतिदिन श्रीसूक्त का पाठ करें।
-हर रोज एक से तीन माला ॐ शुम शुक्राय नमः का जाप करें
-प्रत्येक शुक्रवार को चावल की खीर गाय को खिलाएं।
-शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत करें।
-अपने घर के ईशान कोण और उत्तर दिशा को विशेष रूप से साफ स्वच्छ और हल्का रखें।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)