अंतिम चरण में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक से सरकार की फजीहत


लखनऊ । यूपी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में बुधवार को हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ की ओर से भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने के आदेश से सरकार की खासी किरकिरी हुई है। यूपी सरकार की फजीहत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को उत्तर प्रदेश के जिलों में काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी थी। भर्ती प्रक्रिया रोकने से अभ्यर्थी भी भौचक रह गए।


योगी सरकार में शिक्षकों की यह सबसे बड़ी भर्ती, पिछले डेढ़ वर्ष से लंबित है। बीती छह मई को जब हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए शासन द्वारा निर्धारित उत्तीर्ण अंक को सही ठहराते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था तो अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी। अदालत ने भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने में पूरा करने का आदेश दिया था। सरकार के लिए यह फैसला दोहरी खुशी लेकर आया था। वजह यह थी कि भर्ती परीक्षा के उत्तीर्ण अंक को पिछले साल जब हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी तो एकल पीठ ने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया था। सरकार ने उस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में विशेष अपील की तो निर्णय उसके पक्ष में आया था।


इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशानुसार भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरी करने में सरकार ने तत्परता दिखाई। लिखित परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए जिले भी आवंटित कर दिए गए। बुधवार को जब अभ्यर्थी काउंसिलिंग के लिए कतार में खड़े थे तभी भर्ती प्रक्रिया पर कोर्ट की ओर से रोक लगाने की खबर आई।


अंतिम चरण में पहुंची भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगने की खबर से शासन में हड़कंप मचा। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकर हालात पर चर्चा की। सभी को अदालत के आदेश की प्रति का इंतजार था। कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मिलते ही विभाग में उस पर मंथन शुरू हुआ और कानूनी राय लेने के बाद सरकार ने उसे अदालत में चुनौती देने का निर्णय किया।


दुरुस्त करेंगे व्यवस्था ताकि ऐसी परिस्थिति फिर न आए : भर्ती परीक्षाओं में पूछे गए सवालों के जवाबों को लेकर विवाद या वितंडा खड़ा होना कोई नई बात नहीं है। पहले भी विभिन्न भर्ती संस्थाओं की ओर से आयोजित परीक्षाओं में ऐसे विवाद आ चुके हैं। बहरहाल, बेसिक शिक्षा विभाग के लिए इस समय असहज स्थिति पैदा हो गई है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं के पेपर सेट करने की प्रक्रिया को दुरुस्त किया जाएगा ताकि भविष्य में विभाग को ऐसी परिस्थिति का सामना न करना पड़े।