अब कोरोना संक्रमित मिलने पर 14 दिन सील रहेगी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग

उत्तर प्रदेश में अब किसी भी घर में अगर एक से ज्यादा व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया तो उसके आसपास के 250 मीटर के क्षेत्र या पूरे मोहल्ले को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।



लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अब किसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के किसी भी फ्लोर पर कोरोना संक्रमित मिलने पर उसे 14 दिन के लिए ही सील किया जाएगा। अभी तक बिल्डिंग को 21 दिनों के लिए सील किया जाता था। ऐसे में अब लोगों को ज्यादा कठिनाई नहीं होगी। उधर अब किसी भी घर में अगर एक से ज्यादा व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया तो उसके आसपास के 250 मीटर के क्षेत्र या पूरे मोहल्ले को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। फिलहाल कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अब हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि ग्राम व मोहल्ला निगरानी कमेटियों को पूरी तरह अलर्ट कर दिया गया है। दूसरे राज्यों से यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अभी तक 16.23 लाख प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। वहीं पूरे प्रदेश में 1.20 लाख सर्विलांस टीम द्वारा 9148721 घरों के 4.66 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। सभी कोविड-19 अस्पतालों में डाक्टरों व स्टाफ को नियमित रूप से राउंड लेने और मरीजों के परिजनों से लगातार संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अस्पतालों की साफ-सफाई और उनका सैनिटाइजेशन करवाने के निर्देश दिए गए हैं।


पोर्टल पर देनी होगी संक्रमित की मौत की जानकारी : यूपी में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की जानकारी अस्पतालों को तत्काल पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। कोरोना संक्रमित मरीज के अस्पताल में भर्ती होते ही कोविड-19 अस्पतालों को उसकी बीमारियों का पूरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद मरीज के ठीक होने और उसकी मौत होने की स्थिति में भी उसकी पूरी जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इस रिकार्ड पर चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शासन के अधिकारी निगरानी करेंगे।


अब मरीजों की पूरी ट्रैकिंग होगी : कोरोना संक्रमित की मौत होने पर डेथ ऑडिट किया जाएगा। इन कार्यों में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। हालांकि चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय की ओर से सभी अस्पतालों को पहले ही ब्योरा देने के निर्देश दिए गए थे लेकिन इसमें कुछ ने सुस्ती दिखाई थी। दरअसल कोरोना संक्रमित कई मरीज जिनकी मौत हुई वह पहले से ही किसी न किसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। फिलहाल अब मरीजों की पूरी ट्रैकिंग होगी और उन पर नजर रहेगी।