अब जान लेने पर उतर आया धोखेबाज कोरोना वायरस


कानपुर | कोरोना काल का तीसरा फेज मरीजों की जान लेने पर उतर आया है। जांच बार-बार निगेटिव से पॉजिटिव और पॉजिटिव से निगेटिव हो रही है। कुछ मामलों में इलाज मैनेजमेंट को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही। दो मरीजों की मौत के पीछे रिपोर्ट का पॉजिटिव व निगेटिव आना माना जा रहा है। इन मरीजों की मौत की ऑडिट रिपोर्ट शासन तक को भेजनी पड़ी है।


स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोरोना संक्रमण के नए ट्रेंड या पैटर्न को लेकर खासे हलकान हैं। अधिकारियों को 10 ऐसे मरीज मिले हैं जिसमें भ्रम की स्थिति में वह गंभीर हो गए। एक मरीज की तीन बार जांच करानी पड़ी। क्रास चेक के लिए लखनऊ तक जांच भेजनी पड़ी है। मरीज का इलाज हो रहा है। डफरिन के निदेशक डॉ. वीबी सिंह कहते हैं एक प्रसूता की जांच रिपोर्ट से खुद वह हैरत में हैं। भर्ती होने के 14वें दिन पॉजिटिव मिली। पहली रिपोर्ट निगेटिव थी। मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. आरपी यादव के मुताबिक कुछ जटिल केसों का अध्ययन किया जा रहा है जिसमें यह बात सामने आई है कि संक्रमण का पता लगाना काफी मुश्किल हो रहा है। यह मानकर चला जाता है कि सभी रिपोर्ट सही है मगर विरोधाभासी रिपोर्ट से कुछ शंका पैदा हुई है।


दूसरे प्रदेशों के संक्रमितों की तीन बार रिपोर्ट पॉजिटिव
दूसरे प्रदेशों से आए संक्रमितों की दूसरी कहानी है। कुछ संक्रमित महीने भर से भर्ती हैं मगर अभी ठीक नहीं हो रहे। तीन बार उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है इससे इलाज करने वाले डॉक्टर परेशान हैं। मरीज भी गंभीर नहीं हैं, उन्हें कोई सेकेंडरी परेशानी नहीं है। इन मरीजों में बिल्हौर सड़क दुर्घटना में घायल दो संक्रमित हैं जिनकी रिपोर्ट सोमवार को भी पॉजिटिव मिली है।


केस-1 : 23 मई को गर्भवती महिला डफरिन में भर्ती हुई। 24 को सीजेरियन किया गया। 25 को कोरोना जांच निगेटिव आई। 27 मई को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। 01 जून को दोबार महिला की हालत बिगड़ी, उसे फिर डफरिन लाए। पांच जून को रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। गंभीर हालत में महिला को अपर इंडिया जच्चा बच्चा अस्पताल रेफर किया गया जहां अभी भर्ती है।


केस-2 : दिल्ली से आए एक बुजुर्ग को 29 मई को हैलट में भर्ती कराया गया था। 31 को घरवाले लेकर चले गए। कोरोना जांच निगेटिव भी। जब नर्सिंग होमों ने इलाज से मना किया तो फिर हैलट वापस ले आए। एक जून को लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया, वहां जांच पॉजिटिव निकली उनकी मौत हो गई।


केस-3 : चमनगंज की महिला की प्राइवेट पैथोलॉजी रिपोर्ट पॉजिटिव थी। हैलट में भर्ती कराया गया तो रिपोर्ट निगेटिव निकली। मेडिसिन आईसीयू में भर्ती कराई गई थी। इनके पति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव थी। प्राइवेट पैथोलॉजी से सूचित किया कि दोनों पॉजिटिव थे। दोबारा जांच कराई तो पॉजिटिव निकली। इस दौरान उनकी मौत हो गई।


केस-4 : एक सदस्य के पॉजिटिव आने पर परिवार के चार सदस्य क्वारंटीन सेंटर भेजे गए थे। पहले ही दिन उनका नमूना लिया गया। निगेटिव निकला। मगर लक्षण थे। इसलिए क्वारंटीन सेंटर रोके गए थे। पांच दिन बाद दोबारा जांच हुई तो चारों पॉजिटिव निकले। अभी उनका इलाज चल रहा है।