लखनऊ के कनौसी, अमौसी में श्रमिकों के लिए बनेगा सस्ता किराए का मकान


लखनऊ। लखनऊ नगर निगम श्रमिकों के रहने के लिए सस्ता किराए का मकान कनौसी, अमौसी व उत्तरधौना में बनाएगा। जमीन चिह्नित कर करके शासन को भेज दिया गया है। हालांकि अभी मकान बनाने के नियम व शर्तें तय नहीं हो सकी हैं। इसका फैसला कैबिनेट में होगा। फिलहाल सरकार से मंजूरी मिलते ही नगर निगम ने काम शुरू करने के लिए कमर कस ली है।  


श्रमिकों के रहने के लिए सस्ते दाम पर किराए के घर मुहैया कराने के लिए सरकार की घोषणा के बाद नगर निगम जमीन की तलाश शुरू कर दी थी। उधर नगर विकास विभाग ने भी जमीन की तलाश पूरी करने का निर्देश दिया था। नगर निगम ने कनौसी और अमौसी में दो-दो जमीन तलाशी है। यह सभी राजस्व अभिलेख में ऊसर के रूम में दर्ज हैं। इसमें कनौसी में गाटा संख्या 1917 (0.645 हेक्टेयर) व गाटा संख्या 1979 (दो हेक्टेयर) तथा अमौसी में गाटा संख्या 988क (3.873 हेक्टेयर) व गाटा संख्या 975 (0.670 हेक्टेयर) को चिह्नित किया गया है।


नया विस्तारित क्षेत्र फैजाबाद रोड पर उत्तरधौना में तीन जमीनें चिह्नित की गई हैं। इसमें गाटा संख्या एक (9.9120 हेक्टयर) व गाटा संख्या तीन (2.2230 हेक्टेयर) चारागाह के रूप में दर्ज है। जबकि गाटा संख्या-दो पुरानी परती के रूप में दर्ज है। इसका क्षेत्रफल 0.0890 हेक्टेयर है। सभी सात जमीनों का ब्योरा नगर विकास को भेज दिया गया है। इसके अलावा अन्य जमीनों की भी तलाश की जा रही है। विस्तारित क्षेत्र की कुछ अन्य जमीनों का ब्योरा भी सदर तहसील ने नगर निगम को दिया है। उसमें जमीन की वास्तविक स्थिति पता करने को कहा गया है। 


पीपीपी मॉडल पर बन सकता है मकान
सस्ते कराए का मकान पीपीपी मॉडल पर बनाया जा सकता है। नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा नगर निगम की आर्थिक स्थिति बहुत खराब चल रही है। मकान बनवाना नगर निगम के लिए फिलहाल संभव नहीं है। शासन से धनराशि आवंटित होने पर ही यह संभव हो सकेगा। अन्यथा पीपीपी मॉडल पर बनवाना ही एक मात्र विकल्प है। कुछ वर्षों के लिए नियम व शर्तों के साथ कार्यदायी संस्था को संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। उसकी लागत निकलने के बाद नगर निगम को वह सम्पत्ति हस्तांतरित हो जाएगी। 


जमीन चिह्नित कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में गाइड लाइन तय होनी है। उसी के मुताबिक श्रमिकों के लिए मकान बनवाया जाएगा। मकान कैसे बनेंगे, अभी कुछ भी तय नहीं है। 
डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त