शाहजहांपुर । लाकडाउन में गर्भनिरोधक साधन न मिलने से महिलाओं के अनचाहा गर्भ ठहर गया तो घबराने की जरूरत नहीं है। वह जिला अस्पताल में संपर्क कर गर्भपात करा सकती हैं। कुछ परिस्थितियों में गर्भपात कराना कोई अपराध नहीं है। यही संदेश परदेस से लौटी गांव-गिरांव की महिलाओं के बीच पहुंचाने का काम आशा कार्यकत्री करेंगी। विनोबा सेवा आश्रम और यूपीवीएचए व साझा प्रयास नेटवर्क ने अनचाहे गर्भधारण से बचाने को काम शुरू कर दिया है।
कोरोना वायरस के चलते 25 मार्च से लाकडाउन होने से लोग घरों में कैद रहे। इसके अलावा समाज के गरीब तबके, प्रवासी मजदूरों और महिलाएं भी कोरोना संकट में प्रभावित हो गए। इस अवधि में गर्भनिरोधक साधन लोगों को उपलब्ध नहीं हो सके और महिलाओं के अनचाहा गर्भ ठहर गया। फाउंडेशन फॉर रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज का अनुमान है कि कोरोना के कारण बड़े पैमाने पर अनचाहे गर्भधारण होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे हालात में महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने को बिना चिकित्सक की सलाह के दवा खा लेती हैं और उनकी जिंदगी पर बन आती है, पर कुछ परिस्थितियों में गर्भपात को कराना अपराध नहीं माना जाता है। महिलाओं को यही बात बताने के लिए विनोबा सेवा आश्रम, यूपीवीएचए व साझा नेटवर्क ने काम शुरू कर दिया। अभियान को गति देने के लिए आशा कार्यकत्रियों का सहारा लिया जा रहा। आशाएं प्रवासी और अपने संपर्क की महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात के बारे में जानकारी दे रही हैं। बता रहीं कि जिला अस्पताल में जाकर सुरक्षित गर्भपात कराया जा सकता है।
769 डिलीवरी 21 फरवरी से 31 मार्च के बीच जिला अस्पताल में हुई।
113 सीजर डिलीवरी कराई गई, नार्मल डिलीवरी लॉक डाउन में बढ़ गई
इन परिस्थितियों में करा सकते सुरक्षित गर्भपात
=साढ़े चार महीने का गर्भ होने पर गर्भपात करा सकते।
=प्रशिक्षित डाक्टर द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में गर्भपात करा सकते।
=दंपत्ति के इस्तेमाल किए गर्भनिरोधक साधनों के काम न करने पर।
=दुराचार होने के बाद गर्भ ठहरने पर गर्भपात कराया जा सकता।
=जन्म लेने वाले शिशु में गंभीर जन्मजात दोष होने पर गर्भपात करा सकते।
=मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर क्षति की संभावना गर्भवती की जानका खतरा।
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ऐसी स्थिति में गर्भपात नहीं करा सकते
=जब साढ़े चार महीने से अधिक अवधि के गर्भ होने पर।
=बच्चे र्का ंलग परीक्षण कराने के बाद नहीं करा सकते।
=हकीम या दाई से गर्भपात नहीं कराना चाहिए।
=अनाधिकृत व्यक्ति और घरेलू तरीके से गर्भपात करवाना।
दो साल से चल रहा कार्यक्रम
-विनोबा सेवा आश्रम और यूपीवीएच व साझा प्रयास नेटवर्क के माध्यम से यूपी के दस जिलों में कार्यक्रम चल रहा है। इसमें शाहजहांपुर भी शामिल है। महामारी के समय में स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी दिशा-निर्देशों के तहत काम शुरू किया है।
चार डाक्टरों को मिला प्रशिक्षण : कमला
-सुरक्षित गर्भपात कराने के लिए जिले में चार महिला डाक्टरों को नियुक्त किया है। विनोबा सेवा आश्रम से जुड़ी प्रोग्राम आफिसर कमला सिंह बताती हैं कि पुवायां सीएचसी, तिलहर में एक-एक और जिला अस्पताल में दो महिला डाक्टरों को ट्रेनिंग दी गई। लाकडाउन में परिस्थितियों के चलते गर्भवती हुई और दूसरे राज्यों से आई प्रवासी महिलाओं से आशा के माध्यम से संपर्क करने का सिलसिला शुरू हो गया। कमला ने बताया कि आशाओं व महिलाओं से संपर्क साधा जा रहा है। उन्हें अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिलाने और सुरक्षित गर्भपात कराने के बारे में जानकारी दी जा रही है।