क्या तेज़ी से फैलते कोरोना वायरस के बीच एसी ट्रेन में सफर करना सुरक्षित है?

इसमें कोई शक़ नहीं कि लाखों लोगों के लिए ये खुशी की ख़बर है लेकिन ये सवाल जायज़ है कि क्या ऐसे वक्त में एसी ट्रेन में सफर करना सुरक्षित है?



करीब डेढ़ महीने बाद आखिरकार वो सभी लोग चैन की सांस ले सकते हैं, जो कोरोना वायरस के चलते आखिरकार अपने-अपने घर लौट सकेंगे। भारत सरकार ने डेढ़ महीने बाद ट्रेन चलाने का फैसला लिया है, ताकि दूसरे शहरों में फंसे सभी लोग अपने-अपने घर लौट सकें। 


आपको बता दें कि कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलने की वजह से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है। जिसकी वजह से ट्रेनों को भी बंद कर दिया गया था। अब ये ट्रेने 12 मई से फिर शुरू की गई हैं। रेल मंत्रालय ने 15 ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है, जिसके लिए बुकिंग 11 मई से शुरू हुई थी। इसकी शुरुआत राजधानी रूट की 15 एसी ट्रेनों से होगी, जिसका किराया सुपर-फास्ट ट्रेन जितना होगा।


इसमें कोई शक़ नहीं कि लाखों लोगों के लिए ये खुशी की ख़बर है, लेकिन मौजूदा हालात और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए, ये सवाल जायज़ है कि क्या ऐसे वक्त में एसी ट्रेन में सफर करना सुरक्षित है? 


क्या अब एसी कोच से फैलेगा कोरोना वायरस


डॉक्टरों का मानना है कि एसी कोच में कोरोना वायरस को फैलने से नहीं रोका जा सकता। एसी कोच हर तरफ से बंद होते हैं और लंबे सफर में इस जानलेवा वायरस के फैलने के आसार काफी ज़्यादा हैं। एसी कोच में हवा का री-सर्क्यूलेशन होता है। ऐसा देखा गया है कि न सिर्फ कोरोना वायरस के दौरान बल्कि किसी भी तरह की संक्रमित बीमारी के वायरस एसी के फिल्टर्स में फंसे रहते हैं। इसलिए एसी की सफाई लगातार होनी ज़रूरी है।


अलक्षणी मरीज़ बन सकते हैं बड़ी समस्या


एक तरफ ट्रेन का चलना अच्छी ख़बर है, लेकिन ट्रेन में सफर कर रहे कोरोना वायरस के अलक्षणी मरीज़ बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं। समस्या यही है कि ज़्यादातर लोग अलक्षणी कोरोना वायरस के मरीज़ होते हैं। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण नज़र नहीं आते हैं, लेकिन वह हर वक्त मास्क पहनता है और सामाजिक दूरी बनाए रखता है, जो ऐसे में उसकी वजह से वायरस नहीं फैलेगा।


ट्रेन में सफर करते वक्त रखें इन बातों का ख्याल


जो लोग इन ट्रेनों का सफर कर अपने घर के लिए रवाना होने जा रहे हैं, उनका कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है।


- ट्रेन में सफर करते वक्त भी सभी का सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि इस वक्त संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आपस में दूरी बनाए रखना ज़रूरी है, इसलिए रेलवे को भी ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिए जिसके तहत सभी लोग एक सीट छोड़कर बैठें, तो बेहतर रहेगा।


- सभी लोग मास्क पहनकर ही ट्रेन में बैठें। इससे आपके साथ बाकी लोग भी इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते हैं।


- खुद की और अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें। ट्रेन में सफर के दौरान भी कई बार हाथ धोएं।


- ध्यान रखें कि हाथों को अपने चेहरे, आंखों, होठों या नाक पर न लगाएं। 


- अपने साथ सैनिटाइज़र या साबुन रखें। हो सके तो डिसइंफेकटेंट स्प्रे भी रखें।


- किसी भी चीज़ को छूते हैं तो फौरन हाथ धोएं।


- ट्रेन के सफर के बाद, अपने घर पहुंचने पर सबसे पहले अपने जूतों, कपड़ों और सामान को डिसइंफेक्ट कर लें। साथ ही नहा लें।


- सबसे ज़रूरी बात, ट्रेन से सफर और घर पहुंचने के बाद 14 दिनों तक अपने आपको आइसोलेशन में रखें, ताकि आपका परिवार इस बीमारी से बचा रहे। अगर आपके साथ आपका परिवार भी ट्रेन से आया है तो सभी लोग 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहें।