कोरोना के बीच देश में पहली बार अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की दस्तक, असम में 2500 सूअरों की मौत


गुवाहाटी। असम सरकार ने रविवार (3 मई) को कहा कि राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का पहला मामला पाया गया है और इससे 306 गांवों में 2,500 से अधिक सूअर मारे जा चुके हैं। असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार केंद्र से मंजूरी होने के बाद भी तुरंत सूअरों को मारने के बजाय इस घातक संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कोई अन्य रास्ता अपनाएगी।


उन्होंने बताया कि इस बीमारी का कोविड-19 से कोई लेना-देना नहीं है। बोरा ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने पुष्टि की है कि यह अफ्रीकी स्वाइन फ्लू (एएसएफ) है। केंद्र सरकार ने हमें बताया है कि यह देश में इस बीमारी का पहला मामला है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार सुअरों की कुल संख्या करीब 21 लाख थी, लेकिन अब यह बढ़कर करीब 30 लाख हो गई है।


वहीं, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने रविवार (3 मई) को कहा कि कोविड-19 का संकट समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने राज्य के लोगों से लॉकडाउन के तीसरे चरण को सफल बनाने का आग्रह किया। गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने राज्य के लोगों से आग्रह किया कि लॉकडाउन के पहले और दूसरे चरण की भांति तीसरे चरण को सफल बनाएं।


उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के लिए राज्य सरकार कुछ क्षेत्रों में चार मई से रियायत देगी, लेकिन लोगों को यह नहीं समझना चाहिए कि कोविड-19 का संकट समाप्त हो गया है।” केंद्र सरकार ने चार मई से लॉकडाउन की अवधि दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। सोनोवाल ने महामारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क लगाने, हाथ धोने और साफ सफाई रखने के महत्व को रेखांकित किया।