किन वजहों से कोरोना के मरीजों में बढ़ जाता है मौत का खतरा

गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों पर कोरोना का असर ज्यादा खतरनाक है जिन लोगों की आयु अधिक है उनके लिए कोरोना जानलेवा साबित हो सकता हैं।



चीन के वुहान से जन्म लेने वाला कोरोनावायरस दुनिया के 180 से ज्यादा देशों में तबाही मचा रहा है। अभी तक इस वायरस का कोई तोड़ नहीं मिला है। दुनियाभर के वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोफेशलनल्स इस वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह कामयाबी हासिल नहीं कर पाए हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम स्ट्रॉग हैं तो ये बीमारी कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है।


लेकिन एक अध्ययन में सामने आया है कि दुनियाभर में कोरोनावायरस से होने वाली मौतों में मरीज की उम्र, मरीज का पुरुष होना, पहले से सांस या फेफड़ों से संबंधी बीमारी से ग्रस्त होना या अन्य घातक बीमारियों से ग्रस्त होना महत्वपूर्ण कारण के रूप में सामने आए हैं।


बीएमजे में प्रकाशित अनुसंधान के मुताबिक, कोरोनावायरस से दुनियाभर में अभी तक जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें इस प्रकार के कारण सामने आए हैं।


इस अध्ययन में लगभग 43,000 हजार से ज्यादा मरीजों को शामिल किया गया था। वहीं, दूसरी ओर इस अध्ययन में ब्रिटेन के लिवरपूल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य सभी ने इंग्लैंड में अस्पताल में भर्ती हुए कोरोनावायरस मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है।


वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने 6 फरवरी से 19 अप्रैल के बीच इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड के 208 अस्पतालों में भर्ती हुए कोरोनावायरस के 20133 मरीजों के आंकड़ों का अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की औसत आयु 73 वर्ष थी, वहीं, महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को अस्पताल में लाया गया। दूसरी ओर उम्र के अलावा जिनकों हृदय, फेफड़े, लीवर और किडनी की बीमारी थी, उन्हें ज्यादा दिक्कत हुई।


भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कोरोनावायरस से होने वाली मृत्यु के मामलों में विश्लेषण से पता चला है कि इस वायरस से मरने वालों में 64 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाएं है। उम्र के आधार पर बांटते हुए मंत्रालय ने बताया कि मृत्यु के 0.5 प्रतिशत मामले 15 साल से कम आयु के बच्चों के हैं, 2.5 प्रतिशत मामले 15 से 30 वर्ष के बीच के है। 11.4 प्रतिशत मामले 30-45 साल के बीच के, 35.1 प्रतिशत मामले 45-60 आयुवर्ग के और 50.5 प्रतिशत मामले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के हैं।