बदल लें आदत, नहीं तो प्यार-दुलार घर-घर पहुंचा देगा कोरोना वायरस


विश्वभर में फैली जानलेवा कोरोना बीमारी से बचने के लिए सभी को अपनी आदत में बदलाव करना पड़ेगा। आदतें न बदलीं तो घर-घर कोरोना संक्रमण पहुंच जाएगा। इटावा में तो कोरोना के आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें परिवार के एक संक्रमित व्यक्ति से परिवार के दूसरे सदस्यों की जान पर बन आई। परिवार के खातिर दूरी बनाने से ही आप स्वस्थ रहेंगे और आपका परिवार खुशहाल रह सकेंगे। आपकी थोड़ी लापरवाही पूरे परिवार की जान खतरे में डाल रही है। 
पिता से बेटी को पहुंचा संक्रमण, फिर दोनों साथ हुए भर्ती


अड्डा गूलर गांधी के रहने वाले संजय परदेश से घर लौटे और 18 मई को आई रिपोर्ट में वह कोरोना संक्रमित निकल आए। इस पर उन्हें कानपुर देहात के गजनेर कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद परिवार के लोगों के टेस्ट कराए गए। 29 मई को उनकी पांच साल की बेटी हिमानी भी संक्रमित निकल आई। छोटी बच्ची को पिता के साथ ही भर्ती करने का अधिकारियों ने फैसला लिया। संजय को गजनेर से लाकर बेटी के साथ सैफई मेडिकल यूनीवर्सिटी में भर्ती किया गया। 


एक की लापरवाही से परिवार की जान खतरे में पड़ी
श्रमिक एक्सप्रेस से अहमदाबाद से घर लौटे संतोषपुरा के रहने वाले ओमप्रकाश 14 मई को कोरोना संक्रमित निकले थे। गांव आने के पहले स्टेशन पर उनका सैंपल लिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने परिवार से दूरी बनाई और 19 मई को उनका 6 साल का नाती साहिल व 2 साल की नातिन दीक्षा भी संक्रमण की चपेट में आ गए। शहर के कबीरगंज की महिला जमीला बेगम 17 मई को संक्रमित निकली थी। इन्होंने ने भी खुद को क्वारंटीन नहीं किया। 20 मई को उनका बेटा शाहिद व 12 साल का नाती रज्जाक संक्रमित हो गए थे। परिवार के ही तीन और लोगों में भी संक्रमण पहुंच गया। जांच में लगभग पूरे परिवार के संक्रमित निकलने पर भर्ती किया गया।
शहर के एक डाक्टर की क्लीनिक में इलाज कराने पहुंचे एक वृद्ध के संक्रमित निकलने के बाद यहीं पर काम करने वाला प्रदीप 19 मई को संक्रमित हो गया था।  प्रतीप को भर्ती करने के बाद उसके परिवार के लोगों का सैंपल लिया गया था। 26 मई को उसके भाई प्रेम किशन और उसकी भाभी भी संक्रमित हो गए।  11 मई को अहमदाबाद से लौटकर अपने घर आई नगला भाट जगसौरा की रहने वाली स्नेहलता 14 मई को संक्रमित निकलीं थीं। क्वारंटीन नहीं हुईं और पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया। उनके परिवार से घुलने-मिलने पर तीन दिन बाद हुई कोरोना जांच में स्नेहलता की मां मुन्नीदेवी और भाई संजय भी संक्रमित निकल आए। 


डा.एनएस तोमर, सीएमओ, इटावा कहते हैं कि कोरोना से बचाव का सबसे अच्छा तरीका दूरी बनाकर रहना ही है। कई लोग अपने परिवारीजनों से दूरी नहीं बना रहे हैं इससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यही हाल रहा तो इसको संभालना मुश्किल होगा। पहले भी आगाह किया जा चुका है कि जिसमें भी कोरोना के लक्षण हैं या जो कोरोना संक्रमित है उससे परिवार के लोग 14 दिन तक दूरी बनाकर ही बच सकते हैं।