नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में अम्फान चक्रवात के ठीक एक सप्ताह बाद बुधवार शाम को कोलकाता में तूफान आया और इस दौरान 96 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यहां यह जानकारी दी। बुधवार को तेज हवाओं और औसत बारिश के साथ आए इस तरह के तूफान को स्थानीय वार्तालाप में ''कालबैसाखी'' कहा जाता है।
मौसम विभाग ने कहा कि इस कारण शहर में कई जगह पेड़ उखड गए और यातायात बाधित हुआ। उन्होंने कहा कि तूफान के साथ ही औसत बारिश भी दर्ज की गई। यहां के अलीपुर स्थित आईएमडी के प्रांतीय मुख्यालय ने शाम 6 बजकर 23 मिनट पर 96 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा की गति दर्ज की। बाद में तूफान शहर से गुजरता हुआ उत्तर-उत्तरपश्चिमी दिशा की ओर चला गया।
इससे पहले, विभाग ने 20 मई को आए अम्फान चक्रवात के दौरान शहर में वायु की अधिकतम गति 114 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की थी। हाल ही में आए अम्फान चक्रवात की बुरी यादों से सहमे लोग अभी उबरने की कोशिश में हैं और ऐसे में बुधवार को चली तेज हवाओं के साथ बारिश होने पर उनके बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
अम्फान के बाद पश्चिम बंगाल के पास लौटने वाले प्रवासियों के लिए अवसंरचना की कमी
पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को कहा कि अम्फान तूफान की वजह से हुई तबादी के बाद उसके पास दूसरे राज्यों में लौट रहे प्रवासी कामगारों की मदद करने के लिए आधारभूत संरचना अब नहीं है। साथ ही प्रदेश लौट रहे प्रवासियों को संस्थागत पृथकवास में रखने के बजाय घर में ही पृथक रखने की सलाह दी है। गृह सचिव अलपान बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य के पास प्रवासी कामगारों को लेकर आने वाली 10-15 रेलगाड़ियों को रोजाना स्वीकार करने की क्षमता है और लॉकडाउन के बाद से लाखों लोग लौटें हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जन स्वास्थ्य के लिए इसे बड़ी समस्या मानती है। बंदोपाध्याय ने कहा कि दबाव उचित और बेहतर तरीके से प्रबंधन करने योग्य होना चाहिए। गृह सचिव ने कहा, ''हम राज्य की विभिन्न सीमाओं और रेलवे स्टेशनों पर प्रक्रिया को सरल बना रहे हैं ताकि पृथकवास केंद्रों में भीड़ एकत्र न हो क्योंकि इससे कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने दिशानिर्देश बनाए हैं।
बंदोपाध्याय ने कहा कि सरकार प्रवासी कामगारों के घर लौटने के फैसले का सम्मान करती है लेकिन अम्फान तूफान की वजह से जो तबाही हुई है उससे उनके लिए राज्य की आधारभूत संरचना जैसे सड़क, स्कूल, इमारत, स्वास्थ्य और खाना पर्याप्त नहीं है।