CAA के समर्थन में फिर समाने आईं मुलायम सिंह की बहू अपर्णा

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू व पूर्व सीएम अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने एक बार फिर सीएए का समर्थन किया है।



लखनऊ । एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं उन्हीं की परिवार की सदस्य इस कानून का समर्थन कर रही हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू व पूर्व सीएम अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने एक बार फिर सीएए का समर्थन किया है। लखनऊ में आयोजित उत्तरायणी कौथिग मेले में पहुंचीं अपर्णा ने लोगों से कहा कि आप सभी इस कानून का समर्थन करें, यह देश हित में है। इससे पहले भी वह सीएए व एनआरसी को अपना सपोर्ट दे चुकीं हैं।


लखनऊ में इन दिनों उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित उत्तरायणी कौथिग मेला चल रहा है। महानगर के रामलीला मैदान में चल रहे इस मेले में मंगलवार को राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता अपर्णा यादव पहुंचीं थीं। यहां उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया और सभी से इसका समर्थन करने की अपील की। इस दौरान उन्होंने पर्वतीय समाज के इस मेले की तारीफ की और कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं अपने घर पहुंच गई हूं। मेले में बतौर मुख्य अतिथि मेयर संयुक्ता भाटिया भी उपस्थित थीं। उन्होंने भी सीएए पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सीएए पर राजनीति के बजाय आम आदमी को इसके बारे में समझाने की जरूरत है। जनता को गुमराह किया जा रहा है, जो उचित नहीं है।


वैसे ये पहला मौका नहीं है जब अपर्णा यादव ने मोदी सरकार की नीतियों का खुला समर्थन किया है। इससे पहले भी कई बार अपर्णा यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों की तारीफ कर चुकी हैं। सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर अपर्णा यादव और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की राय जुदा है। पिछले दिनों उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा था कि जो भारत का है उसे रजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है। अपने ट्वीट में अपर्णा यादव ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, अलिगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और 16 दिसंबर के हैशटैग का भी इस्तेमाल किया था। उन्होंने सीएए-एनआरसी को लेकर हो रहे विरोध पर भी सवाल उठाए थे।


बता दें कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा में भी सीएए का विरोध किया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कर चुके हैं। वह यहां तक कह चुके हैं कि जनसंख्या स्कीम से जुड़े कोई भी दस्तावेज नहीं भरेंगे। अखिलेश अपनी हर रैली और पत्रकार वार्ता में सीएए-एनपीआर-एनआरसी को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं।