Budget 2020 में Income Tax में छूट की गुंजाइश कम

जीएसटी कलेक्शन भी लक्ष्य से 50000 करोड़ रुपये कम रह सकता है। विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने से भी सरकार बड़े अंतर से चूक गई है



नई दिल्ली । पिछले साल सितंबर में Corporate Tax Cut के बाद लंबे समय से इस बात की उम्मीद की जा रही है कि सरकार Individual Income Tax पर आम लोगों को राहत दे सकती है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन में दो ट्रिलियन रुपये की भारी कमी के कारण इनकम टैक्स कटौती की गुंजाइश काफी कम हो गई है। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2019-20 में आयकर और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन लक्ष्य से 1.5 ट्रिलियन रुपये कम रह सकता है।


वहीं, जीएसटी कलेक्शन भी लक्ष्य से 50,000 करोड़ रुपये कम रह सकता है। विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने से भी सरकार बड़े अंतर से चूक गई है, इससे भी आयकर के मोर्चे पर बड़ी रिलीफ की संभावना क्षीण हो गई है। 


आंकड़े बताते हैं कि कॉरपोरेट टैक्स में 10 फीसद तक की कमी से सरकारी खजाने को 1.45 ट्रिलियन रुपये का नुकसान हुआ है। पिछले 28 वर्ष में कंपनी कर में की गई यह सबसे बड़ी कटौती थी। इसके अलावा निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार को विदेशी पोर्टफोलिया निवेशकों (FPIs) एवं घरेलू पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए कैपिटल गेन पर सरचार्ज में की गई वृद्धि को वापस लेना पड़ा। इससे सरकार की आय में 1,400 करोड़ रुपये की कमी आई।  


 


इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए अगस्त से अब तक सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का असर भी सरकारी खजाने पर देखने को मिला है।  


सूत्रों ने कहा है कि सिर्फ इनकम टैक्स में कमी नहीं आई है बल्कि स्लोडाउन की वजह से परोक्ष कर संग्रह में भी कमी आई है। हालांकि, डिमांड बढ़ने पर जीएसटी संग्रह और सीमा शुल्क कलेक्शन में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग सहित कई विश्लेषक चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य से 2 ट्रिलियन से 2.5 ट्रिलियन रुपये कम रहने का संकेत दे चुके हैं।