टिक-बॉर्न वायरस से चीन में हुई 7 लोगों की मौत


चीनी मीडिया के अनुसार, देश में टिक-बॉर्न वायरस के कारण 7 लोगों की मौत हो गई है और 60 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस वायरस का संक्रमण मानव से मानव में फैलने को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है। पूर्वी चीन के जियांग्सु प्रोविंस में 37 लोगों के इसके प्रभाव में आने के बाद पूर्वी चीन के अनुही प्रोविंस में 23 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।


कैसा है वायरस


थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) नाम का यह वायरस बुन्याविरिडा फैमिली का नोबल फ्लेबोवायरस है। इसे एसएफटीएस वायरस कहा जा रहा है। इस वायरस की पहचान सबसे पहले चीन में 2010 में हुई थी, हालांकि चीन ने 2011 में इस खतरनाक वायरस की पहचान कर ली थी। इस वायरस के चपेट में आने वाले लोगों में लक्षण खांसी-बुखार जैसे ही हैं।


ऐसे फैलता है वायरस


दरअसल, किलनी (टिक) नामक मकड़ी जैसा जीव के जरिए इंसानों में फैलता है। पक्षियों या जानवरों के पंखों या बालों में पाया जाने वाला यह जीव इंसान की त्वचा से खून पीता है और खून के जरिए ही यह वायरस फैलता है।


ये हैं लक्षण


इसके प्रमुख लक्षण तेजी से बुखार आना, प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइटस तेजी से गिरना हैं। शरीर में व्हाइट सेल्स कम होना, खांसी आदि भी इसके लक्षण हैं।


मरीजों में ल्यूकोसाइट और ब्लड प्लेटलेट्स गिरे


जिआंगसु की राजधानी नानजिंग में एक महिला इस वायरस से संक्रमित हुई। उसमें बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखे। उसके शरीर में ल्यूकोसाइट और ब्लड प्लेटलेट्स में कमी भी देखी गई। एक महीने तक चले इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई।


कैसे करें बचाव


संक्रमित लोगों से दूर रहें। जंगल और झाड़ी वाले इलाकों से न गुजरें। सबसे ज्यादा टिक इन्हीं इलाकों में पाए जाते हैं। चीन के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह संक्रमित इंसान के ब्लड और पसीने के जरिए दूसरे इंसान में फैल सकता है। डाइट में हेल्दी फूड्स लें, ताकि शरीर में प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइट (सफेद रक्त कोशिकाएं) कम ना हो।