भूलकर भी इस अशुभ पहर में न बांधें भाई को राखी, मिलेगा अशुभ परिणाम


भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार इस बार सोमवार (03 August 2020) को मनाया जाएगा। लंबे समय बाद इस राखी पर विशेष संयोग बन रहे हैं।  रक्षाबंधन के दिन सुबह 6:51 बजे से ही सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो रहा है। इसके साथ ही रक्षा बंधन पर तीन अगस्त को प्रातः उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और 7:18 बजे से श्रवण नक्षत्र रहेगा। जो रक्षाबंधन की दृष्टि से अति उत्तम है। हिंदू धर्म में  राहुकाल और भद्रा के समय को शुभ नहीं माना जाता है। इस खास समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। 


भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे ये है पौराण‍िक मान्‍यता-
भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछ जो पौराण‍िक मान्‍यता बताई जाती है उसके अनुसार लंकापति रावण ने भी अपनी बहन से भद्रा काल में ही राखी बंधवाई थी। इसके बाद एक साल के भीतर ही उसका विनाश हो गया था। यही वजह है कि इस समय को छोड़कर बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। 


राखी बांधने का सही समय क्या है-
रक्षाबंधन पर इस बार आयुष्मान योग बन रहा है, जो भाई-बहन को लंबी उम्र देगा। इस शुभ मुहूर्त पर राखी बांधने से भाई-बहन का भाग्योदय होगा। 


राखी बंधन का मुहूर्त-
शुभ योग : 
सुबह 9:29 से 10:46 तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:00 से 12:53 तक
अपराहन मुहूर्त : दोपहर 1:48 से शाम 4:29 तक
लाभ मुहूर्त : दोपहर 3:48 से शाम 5:29 तक
संध्या अमृत मुहूर्त : शाम 5:29 से 7:10 तक
प्रदोष काल : शाम 7:06 से रात 9:14 तक


इस वक्त राखी बांधने से बचें-
राखी के दिन 4 अशुभ पहर रहेंगे। इन चारों पहरों में बहनों को अपने भाइयों को राखी बांधने से परहेज करना चाहिए। यह पहर हैं- 
-सुबह 5 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी, जिसमें राखी बांधना निषिद्ध माना जाता है। 
-दूसरा, इसके बाद, सुबह 7 बजकर 25 मिनट से सुबह 9 बजकर 05 मिनट के बीच दूसरी अशुभ घड़ी होगी, जिस दौरान भी भाई को राखी ना बांधें। इस दौरान राहु काल रहेगा।
-तीसरी अशुभ घड़ी 11 बजकर 28 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक रहने वाली है। इस समय भी भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए।
-चौथा, 02 बजकर 08 मिनट से लेकर 03 बजकर 50 मिनट तक गुलिक काल रहेगा, इस समय भी राखी नहीं बांधनी चाहिए।