रात में पूजा करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना हो सकता है नुकसान


शास्त्रों में बताया गया है कि भक्ति-पूजा के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है। यानी ईश्वर का स्मरण या उनकी पूजा अराधना जब चाहे की जा सकती है। हालांकि ऐसी मान्यता है कि भगवान की पूजा के लिए समय का ख्याल करना बेहद जरूरी होता है। खास तौर पर जब हम रात में भगवान की पूजा करते हैं, तो कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। रात में पूजा के दौरान इन बातों का ध्यान रखने से पूजा फलदायी होती है। जानिए रात में की गई पूजा में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।


शंख बजाना सही या गलत


ऐसी मान्यता है कि रात में पूजा के समय शंख नहीं बजाना चाहिए। माना जाता है कि सूरज अस्त होने के बाद देवी-देवता सोने के लिए चले जाते हैं। ऐसे में सूर्यास्त के बाद शंख बजाने से निद्रा में बाधा आती है। इसलिए रात में पूजा के दौरान शंख बजाना अशुभ माना गया है। हालांकि दीवाली और जन्माष्टमी जैसी कुछ अवसरों पर शंख बजाना अशुभ नहीं माना गया है।


न करें सूर्य भगवान की पूजा


सूर्य भगवान को दिन का देवता माना जाता है। इसलिए रात्रि की पूजा में भगवान सूर्य की पूजा करना वर्जित माना गया है।


तुलसी का प्रयोग


ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पत्ते के बिना पूजा अधूरी होती है। लेकिन रात में कभी  भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। माना जाता है कि तुलसी माता नाराज हो जाती हैं। इसलिए सूर्यास्त से पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लेना चाहिए।


दूर्वा का इस्तेमाल


हिंदू पुराणों के मुताबिक, रात में वनस्पतियों को तोड़ना अशुभ होता है। लेकिन गणेश जी को दूर्वा प्रिय है। ऐसे में सूर्यास्त से पहले दूर्वा को तोड़कर रख लेना चाहिए।