रोहतक । भयाक्रांत न हों। कोरोना वायरस पर अच्छे संकेत मिले हैं। देश में भले ही कोरोना से संक्रमित होने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन अगले कुछ दिनों में में इस स्थिति में तेजी से सुधार होगा। जुलाई के दूसरे सप्ताह से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में और वृद्धि होने लगेगी। अब कोराेना के नए मरीज जल्दी ठीक होंगे। दिल्ली और महाराष्ट्र सहित 13 सबसे प्रभावित राज्यों में मौजूदा कोरोना संक्रमितों के लिए बेड की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रोहतक आइआइएम के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने कोरोना संक्रमण के पर प्रस्तुत किया मैथेमेटिकल मॉडल
हरियाणा और कर्नाटक में फिलहाल संक्रमण के केस रिकवरी रेट से ज्यादा हैं। लेकिन चार दिन बाद 10 जुलाई तक यहां भी स्थिति उलट हो जाएगी। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम), रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने देश में कोरोना संक्रमण पर मैथमेटिकल मॉडल के जरिये यह निष्कर्ष निकाला है।
हरियाणा और कर्नाटक में वर्तमान में रिकवरी रेट से संक्रमित केस ज्यादा, चार दिन में बदल जाएगी तस्वीर
अपने निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले प्रो. धीरज शर्मा व उनकी टीम ने 23 अप्रैल से 26 जून तक के 19 राज्यों के कोरोना संक्रमण के आंकड़ों का अध्ययन किया। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि पहले जो रिकवरी रेट था उनकी अपेक्षा जो नए संक्रमित आ रहे हैं उनका रिकवरी रेट अधिक है। वे जल्द स्वस्थ हो रहे हैं। यानी पहले कोई संक्रमित ठीक होकर दस दिन में घर लौटता था तो अब जो संक्रमित हो रहे हैं, वे सात दिन में ही ठीक होकर घर लौटने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि वायरस की घातकता में कमी आ रही है। प्रोफेसर शर्मा के आंकड़े और निष्कर्ष कोविड-19 की नियंत्रित स्थिति को दर्शाते हुए आगे स्थिति में और भी सुधार का दावा करते हैं। इस मैथमेटिकल माडल के अनुसार दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिल नाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में पूर्वानुमानित रिकवरी रेट पूर्वानुमानित सक्रिय केसों की अपेक्षा से ज्यादा रहेगा। हालांकि वह आशंका जताते हैं कि आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल और उत्तराखंड में रिकवरी रेट कम हो सकता है। और इन प्रदेशों में सरकारों को अस्पतालों में मौजूदा कोविड-19 बेडों की संख्या बढ़ानी पड़ सकती है।