कैसे सुधरेंगे हालात, जब नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंस का पालन


शाहजहांपुर I कोरोना से जंग अभी जारी है। खतरा अभी टला नहीं है। लापरवाही से संक्रमण फैल सकता है। इसलिए स्वस्थ्य व्यवहार अपनाएं। जीवन को सुरक्षित करें। क्योकि अनलाक टू में भी बाजार में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों के चेहरे से कोरोना का खौफ गायब हो गया है। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात है। अब लोगों के चेहरे पर मास्क भी गायब हो रहे हैं। शहर में कई जगह जवानों के साथ बच्चे भी बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। लोगों की यह लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए अपने प्रति लापरवाही को न बरतें। मास्क मुंह-नाक ढकने के लिए है। न की गले में टागने के लिए। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए लोग मास्क गले में टांग लेते हैं। पुलिस को देखते ही लगा लेते हैं। यह बिल्कुल ठीक नहीं है। सावधानी बरत अपनी, अपने परिवार की व दूसरों की जिंदगी सुरक्षित करें।


आखिर कैसे कोरोना को रोका जाए


सड़कों पर भीड़ कम नहीं हो रही है। कचहरी के बाहर जमकर भीड़ दिखाई दे रही है। बाहर लोगों का जमाबड़ा लगा रहता है। यहां भी कुछ लोग बिना मास्क के नजर आए। दुकानों पर ग्राहक मास्क लगाकर नहीं पहुंच रहे हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यही है, कि लोग ही लापरवाही करेंगे, तो कोरोना को कैसे रोका जाएगा।


ग्राहक नहीं मान रहे दुकानदारों की बात


= बाजारों में लोगों की भीड़ कम दिखाई दे रही है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। दुकानों पर लोग एक-दूसरे से सटकर ही खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदारों के बार-बार कहने के बावजूद भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं। वे अपने और अपने परिवार के लिए नहीं सोच रहे है। लापरवाही बरत रहे हैं।


अपने प्रति न बरतें लापरवाही


रोडवेज बस स्टैंड पर काफी भीड़ रहती है। बाहर से आए यात्री बस में तो सोशल डिस्टेंस का पालन करते हैं, लेकिन बस से उतरने के बाद सबकुछ भूल जाते हैं। उनकी जरा सी भूल उन्हे नुकसान पहुंचा सकती है। ई-रिक्शा व आटो चालकों को भी सवारियां ज्यादा नहीं बैठानी है। कोरोना का संकट अभी टला नहीं है।


सड़के सूनी और आबाद दिख रही गलियां


= शहर की सड़कों की बात करें, तो सुबह-शाम भीड़ दिखाई देती है, दोपहर को सन्नाटा पसर जाता है। वहीं, गलियां दिनभर आबाद रहती हैं। जितनी भीड़ बाजारों में नहीं है। उससे ज्यादा भीड़ गलियों में दिखती है। हर कोई चबुतरों पर बैठा दिखाई देता है। उनके साथ तीन-चार लोग और बैठे दिखाई देते हैं। कोरोना से बचने के नियमों पर चर्चा करते हैं, लेकिन पालन नहीं करते।