बिहार में कोरोना संक्रमित सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है, बल्कि गंभीर रोगियों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग ने बिना लक्षण वाले मरीजों को होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी है। साथ ही, विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को होम क्वारंटाइन में रहने वाले मरीजों के स्वास्थ्य की समय- समय पर फोन से जानकारी लेने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आइसोलेशन सेंटरों पर लक्षणात्मक मरीजों की ही देखभाल और इलाज की व्यवस्था की गई है।
6503 संक्रमित मरीज हैं होम क्वारंटाइन में
विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार में अभी 8129 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। इनमें 6503 बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीज हैं, जो कि कुल एक्टिव मरीजों के 80 फीसदी हैं। इन्हें घर पर ही रहकर अपने स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करने, लक्षण सामने आने पर नजदीक अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क करने और घर में बुजुर्गो, बच्चों व गंभीर रोगियों से अलग रहने की सलाह दी गयी है।
1626 संक्रमितों का आइसोलेशन सेंटर में हो रहा इलाज
सूत्रों ने बताया कि 1626 एक्टिव मरीजों का इलाज आइसोलेशन सेंटर में रखकर किया जा रहा है। हल्के लक्षणात्मक (माइल्ड) मरीजों को कोविड केयर सेंटर में, थोड़े गंभीर लक्षणात्मक (मॉडरेट) मरीजों को डेडिकेटेड कोविड सेंटर में और गंभीर मरीजों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में रखकर इलाज किया जा रहा है।