नारकंडा समुद्र तल से 2700 मीटर की ऊंचाई पर बसा है जिसके चारों ओर पर्वत की श्रृंखला और हरियाली है। सर्दी के मौसम में यहां पर स्कीइंग की जाती है।
हिमचाल प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। खासकर शिमला आकर्षण का केंद्र रहा है। शिमला को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। यह प्रदेश की राजधानी के साथ-साथ सबसे बड़ा शहर भी है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक शिमला आते हैं।
इस शहर के साथ ही एक और पर्यटन स्थल है, जिसका नाम नारकंडा है। यह छोटा सा शहर हिमालय की गोद में बसा है जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और देश के सबसे पहले स्कीइंग डेस्टिनेशन के लिए जाना जाता है। पर्यटन के हिसाब से देखा जाए तो यह सबसे बढ़िया डेस्टिनेशन है। अगर आप कभी शिमला जाते हैं तो नारकंडा जरूर जाएं। आइए, नारकंडा के बारे में विस्तार से जानते हैं-
जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस के चलते इस साल पर्यटन सेवा पूरी तरह से बंद है। ऐसे में शिमला और और उसके आसपास के क्षेत्रों में आजकल काफी कम संख्या में लोग दिख रहे हैं। पहाड़ों की रानी शिमला से नारकंडा की दूरी महज 65 किलोमीटर है। आप आसानी से शिमला से नारकंडा 2 घंटे में पहुंच सकते हैं।
नारकंडा समुद्र तल से 2,700 मीटर की ऊंचाई पर बसा है, जिसके चारों ओर पर्वत की श्रृंखला और हरियाली है। सर्दी के मौसम में यहां पर स्कीइंग की जाती है। इसलिए नरकंडा सालों भर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इस जगह को फलों का कटोरा भी कहा जाता है।
आपको नारकंडा की सड़कों पर सेब, चेरी और देवदार के पेड़ देखने को मिल जाएंगे। साथ ही जंगली ताड़ के पेड़, लैवेंडर के सफ़ेद फूल भी देखने को मिलते हैं जो नारकंडा की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।अगर आप नारकंडा की खूबसूरती को नजदीक से देखना चाहते हैं तो आप शिमला से नारकंडा की दूरी सड़क से तय करें। यह एक अनोखा और सुखद अनुभव रहेगा।
हाटू पीक-भीम का चूल्हा
यह नारकंडा की सबसे मशहूर जगह है। इस जगह पर हाटू माता मंदिर है। इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी हाटू माता की भक्त थीं और उन्होंने ही इस मंदिर को बनवाया था। इस मंदिर स्थल पर आप हिमालय की सभी दिशाओं का दर्शन कर पाएंगे। जबकि पास में ही भीम का चूल्हा भी है। इसके साथ ही इस जगह पर स्कीइंग की जाती है। आप स्कीइंग का भी आनंद ले सकते हैं।