डेढ़ महीने में 74981 चालान, नया मोटर व्हीकल एक्ट का भी असर नहीं


लखनऊ । लीजिए, नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद पहला सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरु हो गया। वाहन चालकों को जागरूक करने और उनकी जिंदगी सुरक्षित रखने के लिए। इस दफा प्रयास 10 फीसद तक हादसे कम करने के हैं मगर, मौजूदा हालात ऐसा करने में बड़ा रोड़ा बने हुए हैं। सख्ती और भारी भरकम जुर्माने के बाद भी लोग जान हथेली पर लेकर वाहन दौड़ाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। आंकड़े गवाह हैं, महज डेढ़ महीने के भीतर सात हजार से ज्यादा चालान। हालांकि, सारी कवायद में अच्छी बात यह है कि पहले की अपेक्षा हादसों की संख्या में कुछ कमी है। बावजूद बहुत कुछ किया जाना बाकी है। कानून की सख्ती के साथ-साथ खुद भी जिंदगी की फिक्र करना सीखेंगे, तभी मौतों पर पूरी तरह नकेल लग पाएगी।      


वाहन चलाते वक्त सबसे जरूरी कार चालक को बेल्ट और दो पहिया वाहन चालक को हेलमट है, लेकिन तमाम सख्ती के बाद भी ऐसा हो नहीं पा रहा। इंटीग्रेडेट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम में हो रहे चालान और भारी जुर्माना भी ऐसे बेपरवाह लोगों की रफ्तार पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। संभागीय परिवहन विभाग (आरटीओ) और यातायात पुलिस की सख्ती का असर सिर्फ दो पहिया वाहन चालकों पर पड़ा है। शहर के हर दूसरे चौराहे पर खतरनाक टर्न और अवैध कट लोगों के लिए जान लेवा साबित हो रहे हैं।

पिछले डेढ़ माह में  चालान

लखनऊ : शहर के लोग लॉकडाउन में भी घर से निकलने से बाज नहीं आए। साथ ही यातायात नियमों का भी पालन नहीं  किया। अपर पुलिस उपायुक्त यातायात सुरेश चंद्र रावत के मुताबिक एक मई से 15 जून के बीच 74981 लोगों का यातायात नियम तोडऩे पर चालान कर 17 लाख शमन शुल्क वसूला गया।