यूपी में निर्माण स्थल पर शराब, गुटखा, तंबाकू खाने पर होगा प्रतिबंध


लखनऊ। कोविड-19 महामारी को देखते हुए शहरी क्षेत्र में पूरी तरह से शुरू होने वाले निर्माण कार्यों में सुरक्षा के सभी जरूरी उपाय करने होंगे। निर्माण स्थल पर शराब पीने, गुटखा, तंबाकू आदि खाने पर प्रतिबंध होगा। ऐसा करते हुए पाए जाने पर जुर्माना भरना होगा। इतना ही नहीं निर्माण स्थल पर किसी बाहरी व्यक्ति के आने पर भी प्रतिबंध होगा। आवास विभाग के कामों पर यह प्रतिबंध लागू होगा। उच्च स्तर पर मंजूरी के लिए इस प्रस्ताव को भेज दिया गया है।


फोटो पहचान पत्र रखना जरूरी
शहरी क्षेत्र के निर्माण स्थलों पर आने वालों को पहचान पत्र रखना जरूरी होगा। निर्माण स्थल पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करना होगा। निर्माण स्थल पर आने वालों की अनिवार्य रूप से थर्मल स्कैनिंग की जाएगी और इसका रिकार्ड भी रखा जाएगा। हाथ धाने के लिए हैंडवाश व पानी के साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति स्थल पर आते समय और जाते समय हाथ को अनिवार्य रूप से धोएगा। मुंह व नाक ढकने के इंतजाम करने होंगे। थूकने पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।


बीमारों से नहीं लिया जाएगा काम
निर्माण स्थल पर स्वस्थ्य श्रमिकों से ही काम लिया जाएगा और उन्हें ही आने की अनुमति होगी। काम करने वाले श्रमिकों की थर्मल स्कैनिंग जरूर कराई जाएगी। संदिग्ध मिलने पर मेडिकल जांच कराई जाएगी। विशेष परिस्थिति छोड़कर श्रमिकों को बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। बाहर से आने वाली निर्माण सामग्री को एक स्थान पर रखा जाएगा और इसके इस्तेमाल के लिए ग्लब्स व मास्क पहनना अनिवार्य होगा। निर्माण स्थल पर श्रमिकों पर नजर रखने के लिए कोविड मार्शल की तैनाती की जाएगी। निर्माण स्थल पर 65 वर्ष से अधिक आयु वाले और गर्भवती स्त्रियों को श्रमिक के रूप में लगाकर काम नहीं लगाया जाएगा।


काम शुरू होने से पहले देना होगा घोषणा पत्र
काम शुरू कराने से पहले घोषणा पत्र देना अनिवार्य होगा। इसमें निर्माण से जुड़ी सभी जानकारियां देना जरूरी होगा। इसमें यह भी बताना होगा कि कोविड-19 से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाए किए गए हैं। इसके बाद भी किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर शपथ पत्र देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को भी आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कराना अनिवार्य होगा।
 
शहरों में निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। जल्द ही इसे विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को भेज दिया जाएगा, जिससे मानक के अनुसार काम शुरू हो सके।  दीपक कुमार, प्रमुख सचिव आवास