दो ज्योतिर्लिगों को जोडऩे के लिए रेलवे तेजस की तरह संचालित करने जा रहा एक और निजी ट्रेन

रेल मंत्रालय ने उज्जैन से वाया कानुपर होते हुए वाराणसी तक निजी ट्रेन संचालन का फैसला लिया है।



कानपुर । तेजस के बाद निजी क्षेत्र की एक और ट्रेन कानपुर के खाते में आने वाली है। रेल मंत्रालय ने उज्जैन से वाया कानुपर होते हुए वाराणसी तक निजी क्षेत्र की एक अन्य ट्रेन चलाने का फैसला किया है। रेलवे ने दोनों ज्योतिर्लिगों को आपस में जोडऩे के लिये यह कवायद शुरू की है। फिलहाल संचालन की कोई तिथि घोषित नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि आइआरसीटीसी द्वारा संचालित यह ट्रेन 21 फरवरी यानि महाशिवरात्रि के दिन तक ट्रैक पर होगी।


कानपुर से होकर जाएगी ट्रेन


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछली बार उज्जैन व वाराणसी को निजी क्षेत्र की ट्रेन से जोडऩे की घोषणा की थी। यह ट्रेन भी आइआरसीटीसी संचालित करेगी। आइआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि उज्जैन से वाराणसी के बीच चलने वाली ट्रेन कानपुर होकर जाएगी। रेल मंत्रालय से ट्रेन के रूट को लेकर अभी दिशा निर्देश जारी नहीं किये हैं लेकिन हरी झंडी मिलते ही ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। तीसरी निजी क्षेत्र की ट्रेन उज्जैन से वाराणसी के बीच भविष्य में चलाई जाने वाली यह ट्रेन निजी क्षेत्र की तीसरी ट्रेन होगी। पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से कानपुर के बीच चली थी। मुम्बई से अहमदाबाद के बीच दूसरी तेजस एक्सप्रेस का संचालन शुरू हुआ।


तेजस जैसी सुविधाएं, लेकिन चेयरकार नहीं


आइआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अश्वनी श्रीवास्तव के मुताबिक दोनों तेजस ट्रेनें सवा पांच सौ किमी की दूरी तय करती हैं, जबकि उज्जैन से वाराणसी की दूरी एक हजार किमी है। ऐसे में इस ट्रेन में चेयरकार नहीं होगी । बल्कि वातानुकूलित स्लीपर कोच होंगे। कुछ नॉन एसी स्लीपर कोच लगाने की भी योजना है। हालांकि सुविधाओं की दृष्टि से यह ट्रेन भी तेजस ट्रेनों की तरह होगी। ऑन लाइन होगी बुकिंग तेजस ट्रेनों की तरह इसके टिकटों की बुकिंग भी ऑनलाइन होगी।


कानपुर में हो सकेगी टिकट बुकिंग


हालांकि कानपुर में आइआरसीटीसी की विंडो से टिकट बुक किया जा सकेगा। यह हो सकता है संभावित रूट उज्जैन से यह ट्रेन भोपाल, झांसी होते हुए कानपुर पहुंचेगी। हालांकि वाराणसी जाने के लिए कानपुर से दो ट्रैक हैं। ट्रेन प्रयागराज व लखनऊ दोनों ही शहरों से गुजर सकती है। प्रबल संभावना यही है कि यह वाया प्रयागराज होकर ही चले, क्योंकि लखनऊ रूट पर पहले से ही तेजस एक्सप्रेस चल रही है।