पागलपन की बीमारी देता है ग्रहों का यह योग


ग्रह व्‍यक्‍ति के जीवन को बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। कुंडली में मौजूद ग्रह अपनी प्रकृति के हिसाब से व्‍यक्‍ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। कुंडली में दो या दो से ज्‍यादा ग्रहों की युति व्‍यक्‍ति पर अपना प्रभाव डालती है। ग्रहों की यह युति रोग को और जटिल बना देती है। कुंडली में ग्रहों की इन युति से समझिए कि कैसे व्‍यक्‍ति को प्रभावित करते हैं।
व्‍यक्‍ति के कुंडली में जब सूर्य पहले घर में हो, सूर्य और मंगल का साथ हो या फिर सूर्य-शनि साथ हों या सूर्य-शनि और मंगल साथ हो तो क्रोध का कारण बनता है। ऐसे व्‍यक्‍ति को क्रोध अधिक आता है। 
जिस व्‍यक्‍ति की कुंडली में बुध-मंगल एकसाथ हों तो यह रक्‍त से जुड़े रोग का कारण बनता है। मंगल के कारण बुध अधिक खराब हो तो इससे ब्‍लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है। मंगल और बुध दोनों ही ग्रह यदि बेहद खराब स्‍थिति में हो तो पागलपन की बीमारी हो जाती है। इन ग्रहों के योग से लीवर से जुड़ा रोग  हो सकता है। 


कुंडली में मंगल और शनि के योग से गैस की समस्‍या हो सकता है। शनि एक घर में हो तो गैस की परेशानी बढ़ती है। 
सूर्य और शुक्र की युगलबंदी शरीर में जोश की कमी लाती है। जीवनसाथी के शरीर में भी यह ग्रह योग अंदरूनी बीमारी का कारण बनता है। 
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)