याददाश्त के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने में भी बेहद फायदेमंद है लहसुन

लहसुन में मौजूद न्यूट्रिएंट्स इम्यून सिस्टम के साथ स्मरण शक्ति को भी मजबूत बनाने में मददगार होता है। इसके अलावा कैंसर डायबिटीज जैसी अन्य कई बीमारियों से बचाता है लहसुन का सेवन।



तेज गंध के कारण कुछ लोगों को लहसुन का स्वाद पसंद नहीं आता लेकिन इसके फायदों के बारे में जानकर आप भी इसे अपने खानपान में शामिल करना चाहेंगे। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है स्वाभाविक रूप से स्मरण-शक्ति यानि याददाश्त पर इसका असर पड़ने लगता है। जिससे भविष्य में डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी के साथ और भी कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। एक स्टडी के अनुसार लहसुन में एलीसिन सल्फाइड जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंतों में मौजूद नुकसानदेह बैक्टीरिया को नष्ट कर गट माइक्रोबीट नामक फायदेमंद बैक्टीरिया को पोषण देता है, जो इम्यून सिस्टम के साथ स्मरण शक्ति को भी मजबूत बनाने में मददगार होता है। इसके अलावा और भी कई बीमारियों से बचाता है लहसुन का सेवन, जानेंगे इसके बारे में..


कैंसर में फायदेमंद 


कोलन जैसे कैंसर के खतरे को कम करने में भी बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से कार्सिनोजेनिक यौगिकों का उत्सर्जन नहीं होता है। 


स्किन प्रॉब्लम से राहत


में इसका सेवन करने से आप त्‍वचा संबधी बीमारियों से निजात पा सकते हैं। लहसुन का खाली पेट इस्तेमाल आपकी त्‍वचा की चमक को तो बढ़ाएगा ही साथ ही आप जवां भी नजर आएंगे।


पेट की बीमारियाें से मिलेगा छुटकारा


पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्‍ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है। लहसुन में एंटीऑक्सिडेंट और एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं। पानी उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल लें। खाली पेट इस पानी को पीने से डायरिया और कब्‍ज से आराम मिलेगा। यही नहीं लहसुन शरीर के अंदर मौजूद जहरीलें पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी करता है।  


डायबिटीज में फायदेमंद


लहसुन डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शरीर में शुगर के स्‍तर को नियंत्रित कर इन्‍सुलिन की मात्रा को बढ़ा देता है जिससे डायबटीज की बीमारी में राहत मिलती है।


डॉक्टर की राय


लहसुन में एलीसिन नामक तत्व पाया जाता है। यह ब्रेन के टिश्यूज को नष्ट होने से बचाता है। इसलिए लहसुन का सेवन करने वाले लोगों को बुढ़ापे में डिमेंशिया जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की आशंका नहीं होती और यह इम्युनिटी को भी मजबूत बनाता है।


डॉ प्रवीण गुप्ता, एचओडी, न्यूरोलॉजी डिपॉर्टमेंट (फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरूग्राम)