नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत करीब 6 लाख करोड़ रुपए की अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने एमएसई का ना सिर्फ परिभाषा बदला, बल्कि कई चार लाख करोड़ रुपए की बिना गारंटी लोन के रूप में देने की भी बात कही। इसका अलावा उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप बनाने के लिए कई अहम ऐलान किए।
वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई को दिए कर्ज को लौटाने के लिए एक साल की मोहलत दी जाएगी। साथ ही दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपए का (बिना गारंटी) कर्ज दिया जाएगा, इससे करीब 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे। वित्त मंत्री की घोषणाओं का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सत्ता पक्ष के लोगों ने स्वागत किया है। वहीं देश के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि इसमें गरीबों के लिए कुछ नहीं है।
किसने क्या कहा:
ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्मला सीतारमण की घोषणाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोग राहत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें बड़ा जीरो मिला। बंगाल के लिए इसमें कुछ नहीं था।
पी चिदंबरम: देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'आज वित्त मंत्री ने जो कुछ भी कहा उसमें लाखों गरीबों, भूखे और तबाह प्रवासी श्रमिकों के लिए कुछ भी नहीं था। कई हजार लोग अभी भी अपने गृह राज्य वापस जा रहे हैं। यह उन लोगों के लिए एक झटका है।'
योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई सेक्टर को नई ताकत देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'लोकल को ग्लोबल बनाने' के आह्वाना की दिशा में उठाया गया कदम है। इससे भारत आत्मनिर्भर और सशक्त बनेगा। उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी और निर्मला सीतारमण के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही कहा कि इसका सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा एमएमसएमई की यूनिट यूपी में ही है। यहां करीब दो करोड़ लोग जुड़े हुए हैं।
प्रमोद सावंत: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि इसका फायदा हमारे राज्य को भी होगा। हमारे यहां भी ढेर सारे एमएसएमई कार्यरत हैं। साथ ही उन्होंने एमएसएमई की परिभाषा बदलने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे राहत मिलेगी।