उत्तर रेलवे डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि इंजन में आधुनिक तकनीक से लैस किया गया। इसमें संचालन के दौरान इंजन में आने वाली खामियों का पता लगाकर उसके बारे में लोको पायलट(इंजन ड्राइवर) को निर्देश भी दिए जा सकेंगे। इसके लिए इंजन को कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है जहां से इंजन पर पूरी निगरानी रखी जा सकेगी। इंजन में इलेक्ट्रो डायनामिक ब्रेक व एयर ब्रेक दोनों ही तकनीक का इस्तमाल हुआ है जो इसे और भी सुरक्षित बनाते हैं। उन्होंने बताया कि तेज रफ्तार से चलने के कारण रेलवे से जुड़े व्यापारियों और सामान की आवाजाही तेज होगी तथा समय से सामान पहुंचाने में मदद मिलेगी।
खासियतें
118 भरे हुए वैगन के साथ 120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड
12000 अश्वशक्ति वाला वातानुकूलित विद्युत इंजन
दोनों सेक्शन पर प्रसाधन की सुविधा
इलेक्ट्रो डायनामिक ब्रेक व एयर ब्रेक दोनों ही तकनीक का इस्तमाल
कंट्रोल रूम से जोड़ा गया और लोको पायलट को निर्देश व संदेश देने की सुविधा मौजूद