लॉकडाउन में छूट के बाद लोग जिस तरह बेतहाशा बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं उससे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय को आशंका है कि लॉकडाउन में छूट के बाद लोग जिस तरह बेतहाशा बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं उससे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। सोमवार को रेड जोन वाले इलाकों में भी शराब की दुकानों के बाहर लगी लोगों की भारी भीड़ ने इस आशंका को बढ़ा दिया है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार ने लोगों से आपसी शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क लगाने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की अपील की है।
...तो स्थिति बेकाबू भी हो सकती है
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सोमवार से लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। ध्यान देने की बात है कि कोरोना के नए मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें और इजाफा होने के बाद स्थिति बेकाबू होने के खतरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को कंटेनमेंट एरिया को पूरी तरह बंद करने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही उन पर नजर रखने के लिए ऐसे संवेदनशील स्थानों पर 20 केंद्रीय अंतर मंत्रिमंडलीय टीमें भी भेज दी गई हैं। लेकिन छूट के दौरान यदि लोगों ने सरकार के दिशानिर्देशों का सही से पालन नहीं किया तो स्थिति बेकाबू भी हो सकती है।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए आम लोगों का सहयोग भी जरूरी
लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि की आशंका के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार पूरी स्थिति पर गहरी नजर रखे हुए है। यदि किसी भी इलाके में स्थिति बेकाबू होती नजर आई तो उसी के अनुरूप वहां तत्काल कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए आम लोगों का सहयोग भी जरूरी है। यदि लॉकडाउन खुलने के बाद लोग आपसी दूरी बनाए रखेंगे, मास्क का प्रयोग करेंगे और साफ-सफाई का ध्यान रखेंगे तो कोरोना को फैलने से आसानी से रोका जा सकता है।
मरीजों की संख्या बढ़ी तो किए जाएंगे कड़े उपाय
सरकार का मानना है कि वह लॉकडाउन से कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने की गति 12 दिन तक लाने में सफल रही है। प्रतिदिन आने वाले नए मामलों की संख्या बढ़ने के बावजूद इसमें कोई कमी नहीं आई है। अब धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलकर सरकार कंटेनमेंट प्लान, आपसी शारीरिक दूरी, मास्क और सफाई जैसे उपायों को आजमाने की कोशिश कर रही है। लव अग्रवाल ने साफ किया कि यदि किसी इलाके में ये उपाय फेल हुए और मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी तो निश्चित रूप से वहां कंटेनमेंट के लिए कड़े उपाय लागू किए जाएंगे।
बढ़ रहा ठीक होने वाले मरीजों का अनुपात
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी पैमानों पर भारत दुनिया में अव्वल साबित हो रहा है। भारत में अब कुल मरीजों में स्वस्थ्य होने वाले मरीजों का प्रतिशत 27.52 फीसद पहुंच गया है। इसी तरह भारत में 90 फीसद कोरोना मरीज अस्पताल से स्वस्थ्य होकर बाहर निकल रहे हैं और केवल 10 फीसद मरीजों की मौत हो रही है। जबकि पहले 80 फीसद मरीज ठीक होते थे और 20 फीसद मरीजों की मौत हो जाती थी। वहीं दुनिया के आंकड़ों को देखें तो अस्पताल से स्वस्थ्य होकर बाहर आने वाले मरीज 82 फीसद हैं जबकि 18 फीसद मरीजों की मौत हो जाती है।