शराब के लिए उमड़ी भीड़ पर कुमार विश्वास का तंज, क्या इन्हें भी सरकारी मदद मिलनी चाहिए

शराब के लिए मची इसी मारामारी को लेकर कवि कुमार विश्‍वास ने तंज कसते हुए ट्वीट किया।



नई दिल्ली । लॉकडाउन 3 लागू होने के दिन से ही शराब की बिक्री को भी हरी झंडी मिल गई। फिर क्‍या था, सोमवार सुबह 6 बजे से ही शराब की दुकानों के आगे लंबी लाइनें लग गईं। कहीं आधा किलोमीटर तो कहीं डेढ़ किलोमीटर तक लंबी लाइनें देखने को मिलीं। कुछ जगहों पर तो प्रशासन शराब की दुकान खुलवाने की हिम्‍मत ही नहीं कर पाया। उधर पूर्वी दिल्‍ली में शराब की दुकानों पर शारीरिक दूरी की धज्‍जियां उड़ाने को लेकर दोपहर बाद से बिक्री बंद कर दी गई।


शराब के लिए मची इसी मारामारी को लेकर कवि कुमार विश्‍वास ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, 'सरकारों से अनुरोध है कि इस संकटकाल में भी प्राण हथेली पर रख कर अराजक और भयानक-भीड़ के रूप में इकट्ठा हुए इन सब महान “शराबी-करदाताओं” के आधार-कार्ड भी नोट कर ही लें ताकि आगे से ये लोग कभी “राशन के लिए भी पैसा नहीं है” जैसे बहाने न कर सकें! एक हम हैं जो 50 दिन से अनुशासन के साथ स्वेच्छा से ताले में बंद हैं और एक ये महापुरुष हैं।


बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को शराब की दुकानें खुलने के बाद लगी लंबी कतारों के कारण पुलिस कर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं मयूर विहार में लोगों के सामाजिक दूरी ना बनाने के कारण वहां एक दुकान को बंद ही कर दिया गया। सरकार के एक अधिकारी के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय के लॉकडाउन के नियमों में ढील देने के बाद शराब की करीब 150 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। ये दुकानें सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक खुल सकती हैं।