नई दिल्ली। अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर के निर्यात पर सरकार ने रोक लगा दी है। यह रोक विदेश व्यापार महानिदेशालय, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से लगाई गई है। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अल्कोहल से बने हैंड सैनिटाइजर की मांग में काफी वृद्धि देखने को मिली है।
शुरुआती दिनों में हालात कुछ ऐसे थे कि अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर की कमी हो गई थी, हालांकि सरकार शुरू से यह कहते हुए आ रही है कि देश में सैनिटाइजर की कोई कमी नहीं। मांग बढ़ने के साथ-साथ हैंड सैनिटाइजर की काला बाजारी की घटना भी सामने आने लगी थी। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर की कीमत तय कर दी।
बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से बचने के लिए आजकल सैनिटाइजर का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है, लेकिन सैनिटाइजर का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए, अन्यथा इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। डॉक्टरों द्वारा इन दिनों हाथों में अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर लगाने या बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। दरअसल सैनिटाइजर हाथों पर लगे बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, लेकिन बाजारों में मिलने वाले सैनिटाइजर में भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह अल्कोहल युक्त होना चाहिए।
कई विशेषज्ञों के अनुसार हैंड सैनिटाइजर में 75% अल्कोहल पाया जाता है और अल्कोहल जल्दी आग पकड़ लेता है, इसलिए इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। खासतौर पर महिलाओं को किचन में चूल्हे पर खाना पकाने का काम होता है, इसलिए उन्हें सैनिटाइजर लगाकर तुरंत खाना नहीं पकाना चाहिए, नहीं तो हाथ जल सकते हैं। सैनिटाइजर बच्चों की पहुंच से भी दूर रखना चाहिए, क्योंकि मुंह में जाने से यह जहरीला हो सकता है। अधिकतर सैनिटाइजर में पाए जाने वाला आइसोप्रोपिल अल्कोहल शराब में उपयोग होने वाली अल्कोहल से अलग होती है। यदि यह आइसोप्रोपिल अल्कोहल शरीर में चली गई तो इससे नुकसान हो सकता है।