वाराणसी। वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पॉजिटिव की जगह निगेटिव व्यक्ति को कोरोना अस्पताल पहुंचा दिया गया। गलती का एहसास होने तक देर हो चुकी थी। अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने के कारण निगेटिव व्यक्ति भी संक्रमित हो चुका था।
वाराणसी के हॉटस्पॉट मदनपुरा में दिल्ली की मरकज से आए कर्नाटक के जमाती के संपर्क वाले कुल 41 लोगों की पिछले दिनों जांच हुई थी। इनमें से छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन छह में दो का एक ही नाम था। नाम में केवल अंग्रेजी के एक अक्षर का फर्क होने से पॉजिटिव की जगह निगेटिव व्यक्ति को जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में पहुंचा दिया गया। अस्पताल में कुछ दिन बाद नाम के साथ लिखी उम्र पर नजर पड़ी तो गलती का एहसास हुआ। पता चला कि 45 साल के व्यक्ति की जगह 75 साल के बुजुर्ग को पहुंचा दिया गया है।
तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम 45 साल वाले असली कोरोना पॉजिटिव को लेने मदनपुरा भागी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इधर 75 वर्षीय बुजुर्ग को घर भेजने से पहले इतने दिनों तक पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने के कारण दोबारा सैंपल लिया गया। सैंपल लेने के बाद उन्हें घर छोड़ दिया गया।
दो दिन बाद रविवार को रिपोर्ट आई तो वही हुआ जिसका डर था। पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने के कारण 75 वर्षीय बुजुर्ग भी पॉजिटिव हो चुके थे। रिपोर्ट आते ही दोबारा टीम मदनपुरा पहुंची और बुजुर्ग को फिर से अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया। इस पूरे मामले की शिकायत जमीयत उलमा बनारस ने ट्वीट के जरिये जिले की पुलिस से भी की है।