पहली बार पूजा कर रही व्रतियों को पूजन सामग्री नहीं मिल पा रही


22 मई को वट सावित्री है लेकिन लॉकडाउन ने नवविवाहिताओं का उत्साह कम कर दिया है। लॉकडाउन से बाजार मंदा है और घर से निकलना भी मुश्किल इसलिए इस बार वट सावित्री पूजा छोटे स्तर पर घर में ही की जाएगी। न तो पंख और ना ही मिट्टी के बर्तन बाजार में मिल रहे हैं, इसलिए महिलाएं परेशान हैं। खासकर पहली बार व्रत कर रहीं विवाहिताओं के लिए अधिक परेशानी है क्योंकि पारंपरिक तरीके से पूजा नहीं हो पाएगी।


राजधानी में वट सावित्री पूजा के लिए पूजन सामग्री नहीं मिल पा रही है। नवविवाहिताओं की यह चिंता है कि इस बार उनका व्रत कैसे होगा। इस व्रत में मिट्टी के बर्तन और पंखे का विशेष महत्व है ,जो इस समय मिल नहीं पा रहा है। पूजा की सामग्री और फल भी नहीं मिल पा रहे है। बोरिंग रोड की आरती झा बताती हैं मेरा इस बार पहला व्रत था लेकिन लॉकडाउन के कारण सब ठप है। मंदिर भी बंद है इसलिए बरगद के पेड़ के नीचे पूजा संभव नहीं है। घर पर किसी तरह पूजा होगी। महामारी से शहर के सभी मंदिर बंद हैं इससे व्रतियां बरगद के पेड़ के नीचे पूजा नहीं कर पाएंगी। शहर में कई ऐसे स्थान हैं जहां महिलाएं हर साल पूजा के लिए जाती थीं पर ये भी बंद हैं। म्यूजियम, गोलघर, पटना कॉलेज सहित कई ऐसे जगह हैं जहां महिलाएं हर साल जातीं थी। इस बार नहीं जाएंगी।