लैब में तैयार हुआ है कोरोना, यह प्राकृतिक वायरस नहीं है : गड़करी

नितिन गडकरी ने एक साक्षात्‍कार में बड़े साफ लफ्जों में कहा है कि कोरोना वायरस लैब से आया है यह प्राकृतिक नहीं वरन एक कृत्रिम वायरस है। 



नई दिल्‍ली । कोरोना महामारी को लेकर दुनिया के तमाम मुल्‍क चीन और डब्‍ल्‍यूएचओ की भूमिका को संदिग्‍ध मान रहे हैं। इन्‍हीं आरोपों के बीच भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक साक्षात्‍कार में बड़े साफ लफ्जों में कहा है कि कोरोना वायरस लैब से आया है यह प्राकृतिक नहीं वरन एक कृत्रिम वायरस है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना वायरस के साथ जीवन जीने की कला को समझना होगा।  


गडकरी ने कहा कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में सबसे पहले देखा गया और बाद में यह दुनियाभर में फैल गया। यह प्राकृतिक वायरस नहीं है यह लैब में बना है। जीवन जीने की कला बेहद महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि यह प्राकृतिक वायरस नहीं है। कई देश इसके लिए वैक्‍सीन बनाने पर काम कर रहे हैं लेकिन यह अभी नहीं बनाई जा सकी है। ऐसे में जब कई देश कह रहे हैं कि इस जानलेवा वायरस की उत्‍पत्ति के लिए चीन की वुहान लैब को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं। भारतीय मंत्री के इस बयान को बेहद महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। 


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए दूसरी महत्‍वपूर्ण चीज इसकी पहचान है। हमें इसके लिए कुछ अच्छी कार्यप्रणाली की जरूरत है ताकि हम इसकी तुरंत ही पहचान कर सकें। यह अप्रत्‍याशित है क्‍योंकि यह वायरस प्राकृतिक नहीं कृत्रिम है। हालांकि गडकरी ने उम्‍मीद जताई कि जल्‍द ही इस वायरस पर दुनिया काबू पा लेगी क्‍योंकि भारत समेत कई देश इस पर काम कर रहे हैं। मालूम हो कि इससे पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप इस वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उन्‍होंने इसे चीनी वायरस कहा था जिस पर चीन भड़क उठा था। 


केंद्रीय मंत्री गडकरी ने प्रवासी मजदूरों के पलायन पर भी अपनी बात रखी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के प्रभारी मंत्री गडकरी ने कहा कि प्रवासी मजदूर इस जानलेवा वायरस के डर से अपने-अपने घर चले गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब कारोबार फिर से शुरू होगा तब फिर से प्रवासी मजूदर काम पर लौट आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम कोरोना के खिलाफ जंग के साथ साथ एक आर्थिक युद्ध भी लड़ रहे हैं। हम एक गरीब देश हैं ऐसे में लॉकडाउन को और नहीं बढ़ा सकते हैं।