क्यों मनाया जाता है मदर्स डे, क्या है इसका ऐतिहासिक महत्व

अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 9 मई 1914 को एक कानून पारित किया जिसमें मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने की बात की गई थी।



10 मई को 'मदर्स डे' है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य मां की निःस्वार्थ सेवा और प्यार के बदले उन्हें सम्मान और धन्यवाद देने के लिए लोगों को जागरूक करना है। इसकी शुरुआत को लेकर विशेषज्ञों में मतभेद है, जिसके चलते यह कई देशों में अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। हालांकि, भारत में इसे अमेरिका की तर्ज पर मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।


'मदर्स डे'  का इतिहास


आधुनिक समय में दुनियाभर के दर्जनों देशों में एक साथ 'मदर्स डे'  मनाया जाता है। हालांकि, पूर्व में इसकी तिथि को लेकर मतभेद थे। यह बोलीविया में 27 मई को मनाया जाता है। इसकी मुख्य वजह 27 मई, 1812 की क्रांति है, जिसमें स्पेन की सेना ने बॉलीविन महिलाओं की नृसंश हत्या कर दी थी, जो आजादी के लिए लड़ रही थीं। उन महिलाओं के सम्मान में 27 मई को 'मदर्स डे'  मनाया जाता है। वहीं, ग्रीस के लोग अपनी मां के प्रति स्नेह और सम्मान के लिए इस पर्व को हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाते हैं।


अमेरिका में कब मनाया जाता है


अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 9 मई 1914 को एक कानून पारित किया, जिसमें मई महीने के दूसरे रविवार को 'मदर्स डे'  मनाने की बात की गई थी। उस समय से हर साल 'मदर्स डे'  मनाया जाता है। भारत और कनाडा में भी अमेरिका की तर्ज पर 'मदर्स डे'  मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। यूरोप के कई देशों में इसे मदरिंग डे के रूप में मनाया जाता है।


'मदर्स डे'  का महत्व


मां ममता का सागर होती है, जिनके दिल में अपने बच्चे के लिए अगाध प्रेम होता है। इस मातृत्व प्रेम का वर्णन केवल शब्दों में नहीं किया जा सकता है। मां निःस्वार्थ भाव से बच्चों की सेवा करती हैं। इस सेवा और स्नेह में कभी कोई कमी नहीं आती है। ऐसे में 'मदर्स डे'  के दिन लोग अपनी मां को गिफ्ट देकर, साथ में समय बिताकर, उनके कामों में हाथ बंटाकर उन्हें सम्मान देने की कोशिश करते हैं।