कोरोना वायरस से बचना है तो छोड़ दें सिगरेट पीना, इससे है बहुत गंभीर खतरा

धूम्रपान करने वालों को कोरेाना वायरस तेजी से और बुरी तरह से अपनी चपेट में लेता है। इसलिए अगर आप इस वायरस से बचना चाहते हैं तो जल्द सिगरेट पीना छोड़ दें।



न्यूयॉर्क, प्रेट्र। पूरी दुनिया इस समय खतरनाक कोरोना वायरस की चपेट में है। वैसे तो इस वायरस की चपेट में कौन आ जाएगा, इसके बारे में कहना कठिन हैं, लेकिन जो लोग सिगरेट पीते हैं उन्हें इससे बहुत गंभीर खतरा है। धूम्रपान करने वालों को यह वायरस तेजी से और बहुत बुरी तरह से अपनी चपेट में लेता है। इसलिए अगर आप इस खतरनाक वायरस से बचना चाहते हैं तो जल्द से जल्द सिगरेट पीना छोड़ दें। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। 


कोरोना के मरीजों का इलाज का बेहतर असर नहीं होता 


डेवलपमेंटल सेल नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों को कोविड-19 से गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा क्यों हो सकता है। अमेरिका की कोल्ड स्प्रिंग   हारबर प्रयोगशाला में कैंसर के आनुवंशिक विज्ञानी और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक जैसन शेल्टजर ने कहा, 'हमारे नतीजों से यह पता चला है कि क्यों कोविड-19 की चपेट में आने वाले मरीज पर इलाज का बेहतर असर नहीं होता है।' 


धूमपान से फेफड़े से प्रोटीन निकलता है, जिसके सहारे शरीर में प्रवेश करता है वायरस


शेल्टजर ने कहा कि अध्ययन में पता चला कि सिगरेट पीने से फेफड़े से भारी मात्रा में प्रोटीन एसीई2 निकलता है, जिसके जरिए कोरोना वायरस मानव के शरीर में प्रवेश करता है। एसीई2 एक तरह का एंजाइम है जो सिगरेट पीने से सांस की नली में भारी मात्रा में फैल जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक धूमपान छोड़ने से यह एंजाइम नहीं निकलेगा और इस तरह कोरोना वायरस से खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। 


तीन अलग-अलग श्रेणियों में किया गया प्रयोग  


वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोगों को हल्का संक्रमण हुआ। इस वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित होने वालों को वैज्ञानिकों ने तीन श्रेणियों में रखा। पुरुष, बुजुर्ग और धूमपान करने वाले। वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रयोग के लिए प्रयोगशाला में चूहों को धुएं में रखा गया और फिर जो लोग नियमित रूप से सिगरेट पीते हैं उनका अध्ययन किया गया, तो एसीई2 के नतीजे दोनों में एक समान आए।


शेल्टजर कहते हैं कि धूम्रपान करने वाले धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में 30-55 फीसद ज्यादा एसीई2 पैदा करते हैं। हालांकि, शोध अध्ययन में इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि आयु या लिंग का फेफड़े में एसीई2 के स्तर पर कोई प्रभाव पड़ता है। लेकिन जो लोग सिगरेट पीते हैं उनके फेफड़े में यह भारी मात्रा में पैदा होता है।