गर्भावस्था का ध्यान रखने से लेकर बच्चों के जन्म तक इस महामारी ने काफी कुछ बदल दिया है।डॉक्टरों के मुताबिक इस दौरान गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए।
कोरोना वायरस महामारी ने हम सबकी ज़िंदगी में ऐसे बदलाव कर दिए हैं जिसकी कल्पना हमने कभी सपने में भी नहीं की थी। हमारा काम करने का शेड्यूल और जगह बदल गई है, वहीं रिलेक्स करने के लिए अब हमारा दोस्तों से मिलना या बाहर जाना नामुमकिन हो गया है और हमारे पास इसकी जगह बाग़बानी, कुकिंग या किताब पढ़ने जैसे ऑप्शन्स ही रह गए हैं। इसके अलावा इस महामारी ने हेल्थकेयर सिस्टम के साथ अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर डाला है।
UNICEF की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले 9 महीनों में भारत में 2 करोड़ बच्चों का जन्म हो सकता है, जिसका मतलब ये हुआ कि देश में इस वक्त गर्भवति महिलाएं कहीं ज़्यादा हैं। महिलाओं का अपनी गर्भावस्था का ध्यान रखने से लेकर बच्चों के जन्म तक, इस महामारी ने काफी कुछ बदल दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के दौरान गर्भवती महिलाओं को इससे बचाव के लिए कई चीज़ों का ध्यान रखना है।
- डिलिवरी से पहले सभी गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए।
- डिलिवरी और लेबर के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य है।
- डिलिवरी के दौरान या उसके बाद पिता या किसी भी रिश्तेदार को वहां रहने की इजाज़त नहीं दी जा रही है।
- कई तरह के प्रतिबंधों की वजह से ज़्यादातर कप्ल्स बच्चे को जन्म देने के इस सफर में अकेले ही हैं।
हालांकि, इसी के साथ, डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती होने से लेकर बच्चे के जन्म के बाद कुछ सावधानियों का अभ्यास करना, COVID-19 महामारी के दौरान बेहद ज़रूरी हो गया है।
1. गर्भवती महिलाओं को सामाजिक दूरी, भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाना, मास्क पहनकर रखना और हाथों को सैनिटाइज़्ड रखने जैसी अहम सावधानियों का ध्यान रखने की ज़रूरी है।
2. वायरस के संक्रमण से खुद को हर हाल में बचाना और कोविड-19 के लक्षणों को करीब से मॉनीटर करते रहना। अगर वो किसी ऐसी जगह रहती हैं, जहां कोरोना वायरस के मामले ज़्यादा हैं और साथ ही बुखार, खांसी व सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या आती है, तो फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
3. गर्भवती महिलाओं को अपने चिकित्सक द्वारा सुझाए गए उचित पोषण और पूरक आहार लेने की आवश्यकता होती है। बुख़ार, खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण महसूस होते ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
4. बच्चे के जन्म के बाद जो सावधानियां आमतौर पर बरती जाती हैं उसे फॉलो करें, उसके अलावा, अगर गर्भवती मां कोरोना वायरस की मरीज़ हैं तो उन्हें आइसोलेशन में रहने की ज़रूरत पड़ेगी। जब तक मां कोरोना वायरस से मुक्त न हो जाएं तब नवजात बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना है।
5. आप शिशु को गोद में लेने से पहले अपने हाथ धोएं। शिशु का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए उनमें इंफैक्शन का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपने हाइजीन का भी पूरा ख्याल रखे, ताकि वो इंफैक्शन से बचा रहे।