कोरोना के कहर के असर से कानपुर के 27 होटल हो रहे बंद


कानपुर। कोरोना के कहर का कारोबार पर असर दिखना शुरू हो है। बुरी तरह प्रभावित होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री की कमर टूटने लगी है। ऐसे में कानपुर के 27 संचालकों ने होटल बंद करने की तैयारी कर दी है। उनका कहना है कि मई तक हालात नहीं सुधरे तो विभागों को एक-एक एप्लीकेशन देकर होटल बंद कर देंगे।


शहर के 35 साल पुराने होटल समूह गगन प्लाजा के सात होटल हों या फजलगंज का 40 साल पुराना सनी होटल...सभी को तालाबंदी के सिवा दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है। अशोक नगर जीटी रोड पर स्थित एक बड़ा होटल भी कामकाज समेटने की तैयारी में है। इसके अलावा माल रोड, घंटाघर, बिरहाना रोड और कालपी रोड पर स्थित 14 अन्य होटलों ने भी ताला लगाने का फैसला किया है।


सीमित संख्या की शादी-पार्टी से कैसे निकलेगा खर्च 
इन होटलों की मुख्य कमाई सहालगों, जन्मदिन पार्टियों और विभिन्न अवसरों पर गेट-टू-गेदर से होती है। कोरोना से गेट-टू-गेदर शब्द की परिभाषा ही बदल गई है। 500 लोगों की शादी-पार्टी अब 50 लोगों में सिमट जाएगी। छोटे-मोटे आयोजनों में शामिल होने से लोग कतराएंगे। रेस्त्रां में जाने से हिचकेंगे। 25-50 लोगों की पार्टी में तो स्टाफ का खर्च भी नहीं निकलेगा।


सरकारी निर्देशों ने तोड़कर रख दिया 
अभी तक होटल इंडस्ट्री ने मार्च और अप्रैल की सैलरी स्टाफ को दी है लेकिन मई का वेतन देने में अधिकांश ने हाथ खड़े कर दिए हैं। संचालकों का कहना है कि पहले कहा गया कि बिजली के बिल में छूट देंगे लेकिन फिक्स्ड के साथ-साथ सिक्योरिटी मनी तक वसूल ली गई। बैंकों के ब्याज का मीटर अलग से घूम रहा है। हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, ईएसआई, पीएफ देना ही है। मेंटीनेंस वर्क्स कराना ही है। इस हाल में घर से पैसा देते-देते उद्यमियों की हालत खराब हो गई है। 


लॉकडाउन में वेतन के साथ बैंक का ब्याज देना है। केस्को का फिक्स बिल, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि देना है। हमारे शहर में सात होटल हैं। मालरोड, बिरहाना रोड, 80 फिट रोड, गुमटी नंबर 5 और रेलवे स्टेशन के पास हैं। बिजनेस को स्विच ऑफ कर लेंगे। मई तक और इंतजार करेंगे। केवल मैं ही नहीं, कम से कम 30 होटल संचालक बेचने के लिए मजबूर हैं। - आरके सेठी, गगन प्लाजा होटल समूह


मेरा 40 साल पुराना होटल है लेकिन कमाई न होने से चला पाने में असमर्थ हूं। मेरे पति नहीं हैं और उनकी याद में कारोबार बढ़ाने की तैयारी कर रही थी लेकिन लेबर चार्ज फिक्स,केस्को के फिक्स बिल, हाउस टैक्स और वेतन आदि देने की बाध्यता ने हमें परेशान कर दिया है। ऐसी स्थिति में होटल और बैंक्वेट हॉल को बंद करने की तैयारी है। -छाया अग्रवाल, सनी होटल 


कोरोना के कारण आउटडोर शादी-पार्टी का कॉन्सेप्ट ही लगभग खत्म हो जाएगा। नहीं जानते कि आगे भविष्य क्या होगा। अभी तक सेलरी दे रहे हैं। लेकिन घर से कबतक देते रहेंगे। नया बिजनेस शुरू करते हैं तो जीरो से शुरुआत करनाी पड़ेगी। पार्टी नहीं होगी तो बिजनेस कैसे चलेगा। -मयंक कोहली, कुक्कड़-नुक्कड़ स्वरूप नगर 


होटल, रेस्त्रां और बैंक्वेट हाल्स की हालत बेहद खराब है। बैकों के ब्याज, केस्को के फिक्स चार्ज, पूरा वेतन देने की बाध्यता जैसे निर्देशों ने इस इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी है। आने वाले छह महीने तक किसी तरह की कमाई के आसार नहीं दिख रहे हैं। अकेले कानपुर में 30 से ज्यादा होटल बिकने के लिए सड़क पर आ गए हैं। - गया प्रसाद शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष हॉस्पिटेलिटी एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश