राहत मिलते ही संक्रमण को गए भूल पुलिस ने भी दिखाई आरामतलबी।
लखनऊ । सब्जी मंडी से बाजारों तक और गली से लेकर मोहल्ले तक शारीरिक दूरी के मानकों को लोगों ने राहत के दूसरेे दिन भी धता बता दिया। दुकानों और बाजारों में लोग एक दूसरे के नजदीक नजर आए और उनको रोकने में पुलिस कर्मियों ने खास रुचि नहीं दिखाई। अधिकांश सरकारी दफ्तर बुध्द पूर्णिमा की वजह से बंद रहे मगर जहां आवश्यक सेवाएं चल रही हैं, आफिस खुले रहे।
नगर निगम ने विभिन्न मुद्दों को लेकर बैठक की। दूसरी ओर शहर के लोग ये मानते रहे कि अब उनको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। पुराने शहर के बाजारों में लोग निश्चिंत होकर बाजारों में निकले। खासतौर पर सुबह सहरी और शाम को इफ्तार के वक्त बेतरीतब भीड़ सड़क पर नजर आती रही। अनेक लोग मास्क नहीं लगाए हुए हैं। ये फिर दिखावे के लिए मुंह से उतार कर गर्दन पर फंसाए हुए हैं। पुराने शहर के हाॅट स्पाॅट में कुछ सख्ती बाकी जगह आरामतलबी हाॅट स्पाॅट इलाकों को छोड़ कर अकबरी गेट, मौलवीगंज, चैपटिया, तहसीनगंज, ठाकुरगंज और अन्य इलाकों में लोगों ने धड़ल्ले से शारीरिक दूरियों के मानकों को तोडा।
यहां पुलिस केवल अधिक संख्या में वाहनों में सवार लोगों को रोकने के अतिरिक्त और कुछ भी करती हुई नजर नहीं आ रही थी। गोमती पार काॅलोनियों के भीतर स्वछंद विचरण दूसरी ओर गोमती पार की काॅलोनियों गोमती नगर, अलीगंज, विकास नगर, जानकीपुरम, कानपुर रोड, आलमबाग और रायबरेली रोड की काॅलोनियों के भीतर लोग बिना मास्क और नजदीक नजदीक रहते हुए नजर आते रहे। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों पर भी नजदीक इस तरह से खड़े हुए देखे गए मानो कि कोरोना संक्रमण का कोई डर उनके भीतर हो ही न। प्राइवेट दफ्तर भी कम खुले मगर सख्ती दिखी आटोमोबिल और कार शोरूम खुले, कुछ टेलीकाॅम कंपनियों के दफ्तर में खुले मगर इनमें शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया गया।
यही नहीं दफ्तरों के बाहर कर्मचारियों की थर्मल स्कैनिंग की गई। हाथ धोने के इंतजाम भी नजर आए। सरकारी दफ्तर रहे बंद भीड़ रही कम बुध्द पूर्णिमा का राजपत्रित अवकाश होने के चलते सरकारी आफिस बंद रहे। बैंकों में भी अवकाश रहा। इस वजह से शहर की सड़कों पर कर्मचारियों की संख्या काफी कम नजर आई। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े दफ्तरों में ही कुछ काम किया गया। भविष्य की तैयारियोें को लेकर बैठक की गई। नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने ये बैठक की। जिसमें सभी प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। दूसरी ओर एलडीए के अधिकारी और कर्मचारी भी अपने कम्युनिटी किचन के संचालन में लगे रहे।