वाशिंगटन। अमेरिका ने आयात-निर्यात का आंकड़ा निकाला है और बताया है कि कैसे चीन ने निर्यात घटा दिया और आयात बढ़ा दिया ताकि उसके पास सबकुछ पहले से जमा हो जाए। अमेरिका यह कह रहा है कि चीन को पता था कि कोविड 19 की वजह से स्थिति विकराल होने जा रही है, लेकिन उसने दुनिया को नहीं बताया और अपनी तैयारी करता रहा दुनिया को अंधेरे में रखकर। आकलन में कहा गया है कि चीन कोरोना वायरस की गंभीरता को कमतर बताता रहा और इस दौरान उसने चिकित्सीय आपूर्तियों का आयात बढ़ा दिया जबकि निर्यात को घटा दिया।
यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब ट्रंप प्रशासन लगातार चीन की आलोचना कर रहा है। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने रविवार को कहा कि बीमारी के प्रसार के लिए चीन जिम्मेदार है और उसे इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप के पैमाने और बीमारी के अति संक्रामक होने की बात इसलिए छुपा के रखी ताकि वह इससे निपटने के लिए जरूरी मेडिकल इक्यूपमेंट की जमाखोरी कर सके।
आयात एवं निर्यात नीति में चीन के बदलाव सामान्य नहीं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन ने लगभग पूरी जनवरी विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह सूचना नहीं दी कि कोरोना वायरस “संक्रामक” है ताकि वह विदेशों से चिकित्सा सामग्रियां मंगा सके और इस दौरान फेस मास्क, सर्जिकल गाउन और दस्तावेजों का उसका आयात तेजी से बढ़ा था। रिपोर्ट के मुताबिक ये परिणाम 95 प्रतिशत संभावना पर आधारित हैं कि आयात एवं निर्यात नीति में चीन के बदलाव सामान्य नहीं थे।
वैश्विक महामारी की गंभीरता जानबूझकर छिपाई
खुफिया दस्तावेजों में यह जानकारी सामने आई है. एजेंसी को मिले गृह सुरक्षा मंत्रालय के चार पन्नों वाले दस्तावेज के मुताबिक चीन के नेताओं ने जनवरी की शुरुआत में दुनिया से वैश्विक महामारी की गंभीरता जानबूझकर छिपाई। इन दस्तावेजों पर एक मई की तारीख डली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राजीनितक प्रतिद्वंद्वियों ने राष्ट्रपति और उनके प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वे अपनी आलोचना को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए चीन पर दोष मढ़ रहे हैं जो एक भू-राजनीतिक दुश्मन तो है, लेकिन अमेरिका का अहम व्यापारिक साझेदार भी है।