जिसने कभी अच्छा किया नहीं वह अच्छे कामों की आलोचना कर रहा : योगी


लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री द्वारा जनता के लिए घोषित पैकेज को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम बताया है। साथ ही उन्होंने श्रमिकों से कहा है कि वह पैदल अथवा साइकिल से न चलें। सरकार सबको सुरक्षित घर तक पहुंचाने काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर नकारात्मक राजनीति करने व संकट के वक्त जनता का साथ न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने सुझाव भेज दिए हैं। चौथे चरण के लिए केंद्र की आने वाली एडवाइजरी का पालन करवाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने यह बात शुक्रवार शाम कही। मुख्यमंत्री से पूछा गया कि श्रमिकों को यूपी लाने से कोरोना संक्रमण का भी खतरा था, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक देश की ताकत हैं। संकट के वक्त हम उन्हें कोरोना के आधार पर नजरंदाज नहीं कर सकते हैं। हां, खतरा था लेकिन हम लोग सावधानी पूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग व मेडिकल जांच के बाद सुरक्षित ला रहे हैं। हमारा दायित्व है कि हम उनकी मदद करें। हादसे से मन दुखीमुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से श्रमिक मुख्य मार्ग के बजाए खेतों, पहाड़ों नदियों के रास्ते अपने घर की ओर निकल पड़े हैं। प्रशासन को पता नहीं लग पाता है। इसीलिए हम कह रहे हैं जहां इतना धैर्य रखा है तो थोड़ा और धैर्य रखें। वह दलाल के चक्कर न पड़ें। किसी को पैसा न दे। तीन दिनों में बहुत से हादसे हुए हैं। मन दु:खी है। हम सुरक्षा दे रहे हैं क्यों चिंता कर रहे हैं। हमने विपरीत हालात में कोरोना को कंट्रोल किया है। कई श्रमिकों को जहां काम करते थे, वहां मानदेय नहीं मिला जबकि हमने यहां श्रमिकों को मानदेय दिलवाया। अगर यही काम दूसरी जगह हुआ होता तो श्रमिकों को पैसे व खाने की शिकायत नहीं होती। राजस्व का संकट तात्कालिक है। गंगा एक्सप्रेस का काम साल के अंत तक शुरू करवाएंगे। एयरपोर्ट का काम करने जा रहे हैं।विपक्षी दलों के आरोपों पर उन्होंने कहा कि जिसने कभी अच्छा काम नहीं किया उससे अच्छे की उम्मीद नहीं की जा सकती। यह वैश्विक संकट है। विपक्ष नकारात्मक सोचता है और नकारात्मक बोली बोलता है। लोग किसी जनता को सहयोग नहीं कर रहे। सरकार के अच्छे कामों पर इनकी आलोचना सोची समझी राजनीति का हिस्सा है।केंद्र की योजनाओं से यूपी को होगा लाभ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अकेले उत्तर प्रदेश से 2 करोड़ 34 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित होते हैं। मेरा यह मानना है कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण पैकेज व स्वागतयोग्य कदम है। देश में 53 करोड़ मवेशियों के टीकाकरण को बल मिलेगा। भारत में जो दुग्ध व दुग्ध उत्पाद होंगे, वे दुनिया की मार्केट में जा सकते हैं, इस दृष्टि से यह घोषणा देश की ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था व कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा। गंगा, यमुना, सरयू, राप्ती, गोमती व अन्य कई छोटी-बड़ी नदियां हमारे यहां हैं। इन सभी के पुनरुद्धार के साथ ही उत्तर प्रदेश में हर्बल खेती और जैविक पद्धति से प्लांटेशन को आगे बढ़ाने का कार्य होगा । किसान अपने खेत में पूरी तरह फलदार वृ़क्ष लगाकर यदि जैविक पद्धति से इसे आगे बढ़ाता है तो हम 3 वर्ष तक उसे हर महीने एक निश्चित राशि उपलब्ध करवाएंगे। गंगा के किनारे, तटवर्ती क्षेत्रों के जो किसान हैं, अगर वह अपने खेतों की मेड़ में फलदार वृक्ष लगाएंगे तो हम उनको निःशुल्क पौधे उपलब्ध करवाएंगे