जिला प्रशासन तय करेगा कंटेनमेंट और बफर जोन

कंटेनमेंट बफर रेड ग्रीन और ऑरेंज जोन का निर्धारण केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से तय मापदंडों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग करेगा।



लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लॉकडाउन के चौथे चरण में पाबंदियों को ढीला करते हुए अब राहत के तमाम रास्ते खोल दिए हैं। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुझाव और निर्देशों के आधार पर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने गाइडलाइन जारी कर दी। इसमें लॉकडाउन को कोरोना संक्रमण के लिए संवेदनशील कंटेनमेंट जोन तक ही सीमित रखा है।


गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट, बफर, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन का निर्धारण केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से तय मापदंडों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग करेगा। निर्धारित जोन के अंदर कंटेनमेंट जोन व बफर जोन का निर्धारण जिला प्रशासन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार करेगा।


शहरी क्षेत्र में जहां सिंगल केस हैं, वहां पर 250 मीटर की परिधि में या पूरा मोहल्ला, जो भी कम हो, कंटेनमेंट जोन होगा। एक से ज्यादा केस होने पर क्लस्टर की स्थिति में 500 मीटर की परिधि में कंटेनमेंट जोन होगा और उसके बाद 250 मीटर में बफर जोन होगा। ग्रामीण क्षेत्र में जहां सिंगल केस है, वहां राजस्व ग्राम का संबंधित मजरा कंटेनमेंट जोन होगा। यदि गांव में एक से अधिक केस (क्लस्टर) हैं तो पूरा राजस्व ग्राम कंटेनमेंट जोन होगा। इस गांव के इर्द-गिर्द पडऩे वाले दूसरे राजस्व गांवों के मजरे बफर जोन में आएंगे।


कंटेनमेंट जोन में केवल स्वास्थ्य विभाग, स्वच्छता के कार्य और डोर स्टेप डिलिवरी के कार्य की ही अनुमति होगी। चिकित्सकीय आपातकालीन स्थिति और आवश्यक वस्तुओं-सेवाओं की पूर्ति को छोडक़र कंटेनमेंट जोन के अंदर न तो कोई आ सकेगा और न बाहर जा सकेगा। कंटेनमेंट जोन में सघन कांटैक्ट ट्रेसिंग, घर-घर सर्विलांस और जरूरी चिकित्सीय गतिविधियां होंगी।