बोलने में दिक्कत भी है कोरोना का गंभीर लक्षण


बोलने में दिक्कत हो रही है तो सतर्क हो जाएं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह कोरोना वायरस से संक्रमित होने का एक गंभीर लक्षण हो सकता है।


तुरंत डॉक्टर की मदद लें
कोरोना वायरस के हर दिन  नए लक्षण सामने आ रहे हैं। शुरुआत में सिर्फ खांसी-जुकाम और बुखार से ही इसे पहचाना जाता था। बाद में स्वाद और सूंघने की क्षमता में कमी आना भी लक्षण माना गया। अब डब्ल्यूएचओ का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं जिन्हें बोलने में कठिनाई हो रही है। किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखें तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


लक्षण तुरंत दिखे यह जरूरी नहीं
संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया, जरूरी नहीं कि कोरोना के सभी मरीजों में बोलने या संवाद करने की दिक्कत नजर आए, बाकी लक्षणों की तरह ये लक्षण भी छिप सकता है या देरी से सामने आ सकता है। बोलने में कठिनाई होना एक चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्थितियों का भी संकेत हो सकता है। एजेंसी के मुताबिक, कोविड-19 के मरीजों को सांस से जुड़ी तकलीफ होती है। यदि वह विशेषज्ञों द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का का ठीक ढंग से पालन करेंगे तो निश्चित ही वह बिना किसी इलाज के ठीक हो सकते हैं। केवल गंभीर मामलों में ही डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करने की जरूरत होती है। 


मानसिक तनाव बढ़ने का भी खतरा
इससे पहले ऑक्सीजन एंड ला ट्रॉब यूनिवर्सिटी (मेलबर्न) के शोधकर्ताओं ने कोरोना मरीजों में 'साइकोसिस' की समस्या को उजागर किया था। शोध की प्रमुख डॉक्टर ऐली ब्राउन ने कहा था कि कोविड-19 में मानसिक तनाव का खतरा काफी बढ़ जाता है।