भारत में कोरोना के सिर्फ 6.39 फीसदी मरीजों को भर्ती कराने की जरूरत: स्वास्थ्य मंत्रालय


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि देश में कोविड-19 के वर्तमान में जितने भी मामले हैं उनमें से केवल 6.39 प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि करीब 2.94 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन सहायता देने की जरूरत है।


उन्होंने बताया कि तीन प्रतिशत को सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) की जरूरत है और 0.45 प्रतिशत मरीजों को जीवनरक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर सपोर्ट) की जरूरत पड़ती है।


ठीक होने की दर 39.6 फीसदी: अग्रवाल ने कहा कि देश में वर्तमान में कोविड-19 के 61,149 मामले हैं और 42,298 लोग ठीक हो चुके हैं। फिलहाल ठीक होने की दर 39.62 प्रतिशत है जबकि लॉकडाउन के आरंभ में यह दर 7.1 प्रतिशत थी ।


देश में प्रति लाख 7.9 लोग प्रभावित: विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अग्रवाल ने कहा कि दुनियाभर में प्रति लाख आबादी पर 62 लोग कोरोना से प्रभावित हुए हैं। लेकिन भारत में प्रति लाख आबादी पर प्रभावित होने वालों की संख्या 7.9 है।


शीर्ष 15 देशों मे भारत से 83 गुना ज्यादा मौत: समान आबादी के लिहाज से कोविड प्रभावित शीर्ष 15 देशों में कोरोना मरीजों की संख्या भारत से 34 गुना ज्यादा है। इन देशों में कोविड संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भारत से 83 गुना ज्यादा है। कोरोना से भारत में प्रति लाख केवल 0.2 लोगों की मौत होती है, जबकि विश्व में यह आंकड़ा 4.1 है।


हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा हटाने पर फैसला बाद में: सरकार कोविड-19 के उपचार की योजना से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को हटाने पर विचार कर रही है या नहीं? इस सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि इसके असर के बारे में समीक्षा के बाद इस पर कोई फैसला होगा। आईसीएमआर के विशेषज्ञ आर गंगाखेडकर ने कहा कि मंगलवार तक देश में 25.36 लाख की कोविड जांच की जा चुकी है। यह दूसरा मौका है जब पिछले 24 घंटे के अंदर एक लाख लोगों की जांच की गई।